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Big Breaking: रिश्वत व अभद्र भाषा के मामले में इस लेखपाल के विरुद्ध SDM ने दिया जांच का आदेश, लेखपाल पर संगीन आरोप

पीड़ित बलवंत सिंह ने लगाए हैं लेखपाल पर संगीन आरोप, उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर रवि पासवान ने दिए जांच के आदेश, पीड़ित द्वारा निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई करनें की मांग

खबरें आजतक Live 

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उप जिलाधिकारी ने दिया जांच का आदेश 

सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। डब्ल्यूएस प्रमाणपत्र जारी करने के लिए लेखपाल द्वारा आवेदक से अभद्र भाषा का प्रयोग करने व पूर्व में पीड़ित की जमीन सरकार को देने से जुड़े खरीद फरोख्त के दौरान लेखपाल द्वारा रिश्वत मांगने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पीड़ित ने उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर रवि कुमार को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच कर दोषी को सजा देने की मांग की हैं। 

जानें पीड़ित ने क्या लगाएं हैं आरोप 

उप जिलाधिकारी द्वारा इस मामले की जांच नायब तहसीलदार सीपी यादव को सौंपते हुए तत्काल रिपोर्ट देने को निर्देशित किया गया है। मामला तहसील क्षेत्र के हुसेनपुर गांव निवासी बलवन्त सिंह पुत्र शिवशंकर सिंह ने एसडीएम को शिकायती पत्र सौंप कर हल्का लेखपाल शशांक मिश्र पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी करने में जानबूझ कर देरी व टालमटोल करने का आरोप लगाया हैं। यही नहीं प्रमाण पत्र जारी होने में हो रही देरी के बाबत पीड़ित द्वारा ज्ञापन में लेखपाल द्वारा दुर्व्यवहार करने की भी शिकायत की गई है। 

प्रमाण पत्र निर्गत करने में देरी का आरोप 

पीड़ित बलवंत सिंह ने बताया कि मेरे पुत्र अर्जुन सिंह का ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र नवीनीकरण हेतु आवेदन किया गया था, जिसमें क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा पूर्व में जारी प्रमाण पत्र में वार्षिक आय 48000 रुपए दर्शाया गया था। पुनः ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण हेतु 17 अक्टूबर को आवेदन करने पर हल्का लेखपाल द्वारा जानबूझ कर वार्षिक आय 72000 रुपए दर्शाया दिया गया तथा जानबूझ कर प्रमाण पत्र निर्गत करने में लेट लतीफी की गई। जिसके कारण आवेदक को काफी परेशानी हुईं। 

लेखपाल पर संगीन आरोप जांच का विषय 

पीड़ित बलवंत सिंह ने स्थानीय लेखपाल शशांक मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 6 माह पूर्व मैंने अपनी जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के जल विभाग को दिया था जिसमें लेखपाल द्वारा मुझसे 50000 रूपए रिश्वत की मांग की गई थी। मेरे द्वारा लेखपाल शशांक मिश्रा की मांग पूरी न होने पर वे पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर मेरे कई कामों में जानबूझकर लेखपाल द्वारा लेट लतीफ की गई तथा अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया गया। अब इन आरोपों की क्या सच्चाई है यह तो जांच का विषय हैं, लेकिन इस बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि उप जिलाधिकारी सिकन्दरपुर द्वारा लेखपाल के विरुद्ध दिए गए जांच के आदेश पर जांच होती है या नहीं।

रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो डेस्क

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