"वैशाली के लालगंज स्थित अर्धनारीश्वर मंदिर में हुई शादी के गवाह बने सैकड़ों लोग, दूल्हा बने रोशन कुमार के परिजन समेत पूरे इलाके के लोग इस शादी से हैं बहुत खुश, उपस्थित लोगों ने दोनों की भावनाओं का ताली बजाकर किया स्वागत"
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वैशाली (ब्यूरो, बिहार)। कहते हैं कि धड़कनों की पटरी पर मोहब्बत की ट्रेन चलती है तो राह में आने वाली मजहब की दीवारें टूट कर बिखर जाती हैं। बिहार के वैशाली से एक ऐसी ही नायाब मिसाल पेश आई है। मुस्लिम और सनातन संप्रदाय से ताल्लुक रखने वाले दो युवा जिंदगी भर के लिए हमराही बन गए। मुस्लिम समाज से आने वाली रुखसाना ने सनातन धर्म को स्वीकार किया और अपने हिंदू दोस्त रोशन से शादी कर ली। इस शादी में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री का प्रभाव साफ-साफ दिखा। वैशाली के लालगंज स्थित अर्धनारीश्वर मंदिर में हुई शादी के गवाह सैकड़ों लोग बने जिनमें बड़ी संख्या में युवा शामिल थे। दूल्हा बने रोशन कुमार के परिजन समेत पूरे इलाके के लोग इस शादी से बहुत खुश हैं। उपस्थित लोगों ने दोनों की भावनाओं का ताली बजाकर स्वागत किया। दरअसल बिहार के वैशाली में मंजिल पर पहुंचे इस प्रेम कहानी की शुरुआत 4 साल पहले गुलाबी शहर जयपुर में हुई थी। मुजफ्फरपुर के एक गांव की रहने वाली रुखसाना अंसारी की मुलाकात वैशाली लालगंज निवासी रोशन कुंवर से जयपुर के कॉलेज में हुई। मुलाकात पहचान में बदली और पहचान धीरे-धीरे मोहब्बत में तब्दील हो गई।
मोबाइल ने दोनों के बीच सेतु का काम किया। जाने कब दोनों एक दूसरे इतने करीब आ गए कि जीवन भर साथ रहने कसम उठा ली। रुखसाना और रोशन की शादी के बीच मजहब की दीवार खड़ी थी। साथ चलने के लिए रुखसाना ने बड़ा फैसला लिया। वह बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के पटना कार्यक्रम से प्रभावित हो गई। उसने खुद अपना धर्म बदलने का निर्णय लिया। नदियों के पवित्र जल से हिंदू विधि विधान के तहत रुखसाना को हिंदू धर्म में प्रवेश दिलाया गया और उसका नाम रुकमणी रखा गया। दोनों की शादी कराने वाले पंडित कमलाकांत पांडे ने हिंदू रीति रिवाज से लालगंज के रेपूरा गांव स्थित अर्धनारीश्वर महादेव मंदिर में उनका विवाह कराया। इस अनोखी शादी को देखने के लिए कई गांवों के लोग उमड़ पड़े। सबने मिलकर वर वधु को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर रुखसाना ने आगे आकर मीडिया के सवालों का जवाब भी दिया। उसने बताया कि पटना में जब धीरेंद्र शास्त्री का प्रवचन हुआ उसे प्रेरणा मिली। मोहब्बत की खातिर उसने हिंदू बनना स्वीकार किया और रुकमणी बन गई। उसने बताया कि शादी से बहुत खुश है।इधर रोशन के माता-पिता ने भी कहा कि बेटे और बहू के निर्णय से उन्हें बहुत खुशी मिली है। यह शादी युवाओं के लिए मिसाल बनेगी।
रिपोर्ट- वैशाली डेस्क