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Big Breaking: यें मां अपने इन दो मासूम बेटों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर दे दी जान, मौत के डर से बार-बार हाथ छुड़ाता रहा यें 8 साल का मासूम

"राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को एक मां ने अपने दो मासूम बेटों के साथ ट्रेन के सामने कूदकर कर ली आत्‍महत्‍या, मर जाने के डर से बार-बार हाथ छुड़ाता रहा 8 साल का मासूम, मां ने खींचा और ट्रेन के सामने लगा दी छलांग"

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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। लखनऊ में एक महिला ने अपने दो छोटे-छोटो बेटों के साथ ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। इनमें से बड़ा बेटा आठ साल मासूम आन्‍य मरने से पहले मां से हाथ छुड़ाने की बार-बार कोशिश कर रहा था लेकिन महिला ने उसे भी जाने नहीं दिया। अपनी ओर खींचा और ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। राजधानी के निशातगंज में शुक्रवार को हुई इस घटना ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए हैं। घटना के पीछे वजह पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि महिला का मायका गाजीपुर जिले के रेवतीपुर में है। ये परिवार लखनऊ के वाल्दा कॉलोनी स्थित एकता बिल्डिंग में रहता था। महिला का नाम मधु और उम्र 35 वर्ष थी। उनके पति का नाम शशि भूषण गुप्ता है। वह अपने बड़े बेटे आन्य भूषण को सुबह महानगर स्थित सिटी मॉंटेसरी स्कूल छोड़ने के बहाने घर से निकली थी। मधु के साथ ढाई साल का बेटा अमीष भी था। वह स्कूल की तरफ न जाकर रूट से अलग निशातगंज 6 नंबर क्रॉसिंग के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। कक्षा तीन का छात्र आन्य स्कूल ड्रेस में मां के साथ था। मधु ने इरादा कर लिया था कि वह अपने बच्चों के साथ जान दे देगी।

यही वजह थी कि उसने बहाना तो स्कूल जाने का किया था लेकिन दोनों बच्चों को लेकर दूसरे रास्ते से रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई। जब उसने ट्रेन आती देख आठ साल के आन्य का हाथ पकड़ कर ट्रैक पर चलने लगी तो ड्राइवर लगातार हार्न बजाता रहा लेकिन मधु ट्रैक से नहीं उतरी। इस बीच आन्य भूषण ने मां का हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हुये अपना पैर ट्रैक से बाहर रखा तो मधु ने उसे अपनी ओर घसीट लिया। ड्राइवर ने गाड़ी की रफ्तार कम की लेकिन तब तक मधु और उसके बच्चे चपेट में आ चुके थे। इस निरीक्षण यान में मुख्य रेल संरक्षा अधिकारी, डीआरएम एसके सपरा समेत तीन अधिकारी थे। महानगर इंस्पेक्टर केके तिवारी ने बताया कि जब बच्चे की शिनाख्त हुई तो वह लोग उनके घर वाल्दा कालोनी पहुंचे। यहां पता चला कि मधु बच्चे का स्कूल बैग, मोबाइल और पर्स घर पर ही रख गई थी। इस बात से साफ है कि मधु खुदकुशी के इरादे से निकली थी। शशि ने बताया कि वह सुबह छह बजे पीजीआई गया था। उसे चाचा को दिखाने के लिये नम्बर लेना था। उसकी शादी 2013 में मधु से हुई थी। एसीपी जया शांडिल्य को शशि ने बताया कि पत्नी से डेढ़ महीने से विवाद चल रहा था। मधु खाना बनाती थी पर वह बाहर खाता था।

एसीपी ने बताया कि मधु के भाई मनीष गुप्ता को सूचना दे दी गई है। मायके वाले तहरीर देंगे तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जब मधु के घर पहुंची तो पता चला कि उसने सास के कमरे में बाहर से कुण्डी लगा दी थी। पड़ोसियों ने इसकी सूचना शशिभूषण को फोन कर दी। शशि के आने पर पुलिस उसे थाने ले आयी। एसीपी जया शांडिल्य ने एक घंटे तक शशि भूषण से पूछताछ की। उसके एक रिश्तेदार से भी कई जानकारियां ली। पता चला कि मधु का सास शकुंतला से भी किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता था। अनबन होने पर शशि मां का ही पक्ष लेता था। शशि के पिता रामसूरत गुप्ता सूचना विभाग में थे। कई साल पहले उनकी मौत हो गई थी। नौकरी में रहते हुये उन्हें यह मकान आवंटित हुआ था। मां को 18 हजार रुपये मासिक पेंशन मिलती है। इससे ही परिवार का खर्चा चल रहा था। शशि एक निजी कम्पनी में काम करता था। कोरोना काल में नौकरी छूट गई थी। इसके बाद उसने काम नहीं किया। पुलिस भी मान रही है कि पारिवारिक कलह व आर्थिक तंगी से ही मधु ने यह कदम उठाया। बेटे की फीस न जमा करने को लेकर भी मधु का पति से झगड़ा होता था। बेटा आन्य भूषण सीएमस में कक्षा तीन में पढ़ता था।

रिपोर्ट- लखनऊ क्राइम डेस्क

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