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Health Update: बारिश और उमस भरे मौसम में बढ़ा फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा, यें कुछ सामान्य तरीके अपनाकर करें अपनें त्वचा की देखभाल

"उमस भी लेकर आता है बारिश का खुशनुमा मौसम, ऐसें मौसम में त्वचा पर फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का बना रहता है खतरा, आइए जाने कैसे करें इनसे बचाव"

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बलिया (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। बारिश का खुशनुमा मौसम अपने साथ अक्सर उमस लेकर भी आता है। ऐसे मौसम में त्वचा पर फंगल और बैक्टीरियल इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है। उमस के दौरान निकलने वाला पसीना त्वचा पर होने वाले इंफेक्शन को बढ़ा देता है। इस मौसम में घमोरिया (हीट रैश) के साथ ही दो उंगलियों के बीच में सूजन, अंडर आर्म्स और थाइज़ में जलन और खुजली होना, दाद और बालों का झड़ना जैसी कई समस्याएं हो जाती हैं। गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डॉ० सुधीर कुमार तिवारी कहते हैं कि बारिश और उमस भरे मौसम में कुछ सामान्य तरीकों को अपना कर आप अपनी त्वचा की देखभाल करने के साथ ही इन सभी परेशानियों से बच सकते हैं। गर्मी और उमस भरे मौसम में हल्के रंग के और कॉटन के ढीले कपड़े पहनें। कपड़े साफ-सुथरे हों। धूप में निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। चर्म व त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ० दीपक गुप्ता कहते हैं कि इस मौसम में त्वचा संबंधी प्रतिदिन 200 से 250 चर्म रोग विभाग में मरीज आ रहे हैं, जिसमें पचास फीसदी मरीज फंगल इंफेक्शन के हैं, जो उमस भरी गर्मी के कारण पनप रहा है।

कुछ मरीज लाल चकत्ते के साथ आ रहे हैं। करीब पच्चीस फीसदी, एथलीट फुट के मरीज 5 से 10 फीसदी आ रहे हैं। बच्चों में घमौरियां, फोड़े, फुंसी इत्यादि का संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कुछ बच्चों में स्केबीज का भी प्रकोप बढ़ा है। इसके बचाव के लिए कपड़े गर्म पानी में धुलकर धूप में अच्छी तरह सुखाकर फिर इस्तेमाल करना चाहिए। फंगल इन्फेक्शन से बचाव के लिए सूती कपड़े और ढीले कपड़े पहनने चाहिए। एक दूसरे के तौलिया इत्यादि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एथलीट फुट से बचाव के लिए नंगे पांव कभी नहीं चलना चाहिए। घमोरियां लाल रंग के दाने में उत्पन्न होने वाली यह समस्या पसीने से होती है, जिससे रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। घमोरिया खत्म होने में कुछ दिन लगते हैं। खुजली करने पर इनका इंफेक्शन बढ़ता है, इसलिए कोशिश करें की हल्के कॉटन या लिनन के कपड़े पहनें। खुजली आने पर कैलेमाइन लोशन का इस्तेमाल करें। बारिश के मौसम में कई बार नेल इंफेक्शन हो जाता है। ऐसे में हमारे नाखून सुस्त और फीके दिखाई देते हैं।

बड़े नाखून रखने से बचें, क्योंकि इस सीजन में नाखून में गंदगी भर जाती है, जिससे फंगल इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसी समस्या होने पर एंटी-फंगल क्रीम या पाउडर का इस्तेमाल करें। रिंगवार्म की पहचान होती हैं कि ऐसे में स्किन पर लाल रंग के धब्बे पड़ने के साथ ही खुजली की भी समस्या हो जाती है। इस मौसम में ऐलोवेरा, त्वचा पर उत्पन्न होने वाले इंफेक्शन के लिए काफी लाभकारी होता है। इसके अलावा आप घर पर बेसन, दूध और गुलाब जल का मिश्रण तैयार कर प्रयोग में ला सकते हैं। नहाते समय एंटी-फंगल साबुन और टैलकम पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पैरों में फिट न आने वाले जूते पहनने से कई बार फंगल इंफेक्शन हो जाता है, जिसे एथलीट फीट कहते हैं। बारिश के मौसम में प्लास्टिक, लेदर या कैनवास जूते पहनने से बचें। इनकी जगह चप्पल या फ्लिप-फ्लॉप पहनने की कोशिश करें, जिससे आपके पैरों को हवा लग सके। पैरों को साफ और सूखा रखें और धुले हुए कॉटन के मोजें पहनें।

रिपोर्ट- बलिया हेल्थ डेस्क

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