"24 घंटे अपनी ड्यूटी में तैनात रहेंगे शिक्षक, शिफ्ट में लगी ड्यूटी, शवों की आवश्यक जानकारी रजिस्टर में करेंगे दर्ज"
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शमशान में लम्बी कतार और अफरा तफरी का माहौल देखा जा सकता है। सूरत के उम्र शमशान में महज 4 घंटे में ही 40 शव अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे थे। कोरोना वालों की संख्या अधिक होने के कारण शमशान घाट के अंतिम संस्कार हेतु वेटिंग बढ़ने के कारण आसपास के अन्य शमशान घाट में भी शवों को भेजा जा रहा। प्रशासन ने सूरत के अलावा बारडोली में भी शवों संस्कार करवा रहे है। नगर ने इससे पहले शिक्षकों की कन्टेनमेंट जोन के बाहर और मास्क बांटने में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाईं थी। शिक्षक कन्टेनमेंट जोन के बाहर निगरानी का काम करते थे। इसके अलावा धन्वन्तरी रथ के साथ अनाज, भोजन, मास्क वितरण के भी कार्य कियें हैं। आये दिन समाचार पत्रों, चैनलों के माध्यम से इस प्रकार की शिक्षकों की ड्यूटी की अजीबो गरीब ड्यूटी का मामला देखने सुनने को मिलते रहता है। शमशान घाट में शवों हिसाब रखने वाले ड्यूटी आदेश जारी होते ही शिक्षक संगठन ने आदेश रद्द करने की मांग शुरू कर दी है। शिक्षक अपने मूल दायित्व शिक्षा देने के अलावा हमेशा शासन प्रशासन के आधे कार्य करते आ रहे है।
रिपोर्ट- सूरत डेस्क