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यूपी पंचायत चुनाव 2021: चार चरणों में होगा पंचायत चुनाव, एक ही मतपेटी में डाले जाएंगे सभी मतपत्र, राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए यें नए दिशा-निर्देश

"चार चरणों में कराए जाएंगे पंचायत चुनाव, प्रत्येक मंडल में एक चरण में एक ही जिले में कराया जाएगा चुनाव"

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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जाएंगे। प्रत्येक मंडल में एक चरण में एक ही जिले में चुनाव कराया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को प्रत्येक जिले के सभी विकासखंडों में एक ही चरण में पंचायत चुनाव कराने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए। आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार यदि किसी मंडल में जिलों की संख्या चार से अधिक है तो वहां पर किसी एक चरण में दो जिलों में एक साथ चुनाव कराया जाएगा। वहीं इस बार पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी के अतिरिक्त 3 मतदान कर्मी नियुक्त किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिले के सभी विकास खंडों में एक साथ चुनाव कराने से मतदान दलों के लिए कर्मचारियों व अधिकारियों की आवश्यकता को मंडल के दूसरे जिले से पूरा किया जाएगा। एक मंडल के जिलों में कर्मचारियों को एक से दूसरे जिले में उपलब्ध कराने का निर्णय मंडलायुक्त करेंगे।

इस बार एक ही मतपेटी में डाले जाएंगे सभी मतपत्र-
पंचायत चुनाव में इस बार प्रत्येक मतदान स्थल पर तीन की जगह दो मतपेटी रखी जाएंगी। चुनाव चिह्न आवंटन के बाद यदि उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने पर संबंधित मतदान स्थल पर 3 मतपेटियां रखी जाएंगी। एक ही मतपेटी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के मतपत्रों को डाला जाएगा। पहली मतपेटी भरने के बाद दूसरी का उपयोग किया जाएगा। तीसरी मतपेटी की आवश्यकता पड़ने पर पीठासीन अधिकारी संबंधित सेक्टर मजिस्ट्रेट को सूचित करेंगे। सेक्टर मजिस्ट्रेट संबंधित मतदान स्थल पर तीसरी मतपेटी उपलब्ध कराएंगे। सेक्टर मजिस्ट्रेट को मतदान के दिन मतदान केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अपने वाहन में पर्याप्त अतिरिक्त मतपेटी रखने के निर्देश दिए हैं।

मतदान दल पर रखा जाएगा वरिष्ठता का ध्यान-
निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान दलों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने में वरिष्ठता का ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी को उनके ग्रेड-पे के आधार नियुक्त किया जाएगा। किसी भी अधिकारी को उनसे निम्न पद के कार्मिक के अधीन ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा। वहीं इस बार पंचायत चुनाव में मतदान दलों के लिए कर्मचारियों का आकलन मतदान दलों की संख्या से 20 प्रतिशत अधिक के आधार पर किया जाएगा। पहले मतदान दलों की संख्या से 30 प्रतिशत अधिक के आधार पर मतदान दलों के कर्मचारियों का आकलन किया जाता था।

सॉफ्टवेयर से होगी पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारी की नियुक्ति-
जिले में मतदान दलों में पीठासीन अधिकारी और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति के लिए कर्मचारियों की उपलब्धता के आधार पर ईएसडी सॉफ्टवेयर में प्री-एनालिसिस टूल उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें ग्रेड-पे की रेंज चुनकर पोलिंग पार्टी में नियु्क्त होने वाले कर्मचारियों का सटीक आकलन किया जाएगा। मतदान कर्मचारियों को उनके जिले में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी कर्मचारियों का प्रशिक्षण एक ही बार में पहले चरण के मतदान से पहले ही कराया जाएगा।

पोलिंग पार्टी में अब हटी महिला कार्मिक की अनिवार्यता-
चुनाव आयोग ने प्रत्येक मतदान दल में महिला कर्मचारी की अनिवार्यता को हटा दिया है। अभी तक हर पोलिंग पार्टी में एक महिला कर्मचारी का होना अनिवार्य था। वहीं किसी दल में एक से अधिक भी महिलाएं हो सकती है।

रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क

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