मुंबई (ब्यूरो) मुंबई फिल्म और फैशन जगत की मायानगरी है। देश भर के युवाओं को मॉडलिंग और फैशन की दुनिया बहुत आकर्षित करती है। ग्लैमर और चकाचोंध भरी इस दुनिया में कई युवा अपना संतुलन नहीं रख पाते और भटक जाते हैं, जबकि कुछ सकारात्मक समाधान खोजते हैं। मुंबई मॉडलिंग जगत में धाक जमाने के बाद न्यूयोर्क मे रह रहीं सुपर मॉडल पूजा मोर कहती हैं कि मॉडलिंग का पेशा शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत चुनौतीपूर्ण है। इस पेशे में सफल होने के लिए जहाँ एक तरफ अनुशासन, मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है वहीं दूसरी तरफ कड़ी प्रतिस्पर्धा, तनाव और अकेलेपन से भी जूझना पड़ता है। आइये हम मुंबई के मॉडलिंग और फैशन जगत से जुड़े कुछ युवाओं से जानते हैं कैसे फालुन दाफा ध्यान अभ्यास उन्हें मानसिक सयंम और स्वास्थ्य में मदद कर रहा है। पूजा मोर केल्विन क्लाईन, गिवेंची, रोबेर्टो कावाली, लुइ वित्तों जैसे लक्ज़री ब्रांड्स के लिए मॉडलिंग कर चुकी हैं और पिछले चार वर्षों से फालुन दाफा का अभ्यास रही हैं।
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उनका कहना है, मैं सुबह का समय फालुन दाफा अभ्यास के लिए रखती हूँ। यह वह समय है जब मैं स्वयं से जुड़ पाती हूँ तथा अपने अंदर झांक पाती हूँ। पूजा बताती हैं कैसे फालुन दाफा ने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाया और उनके प्रेरणा का स्रोत बना। “पहले कोई काम ठीक से न होने पर मैं दूसरों की गलती निकालती थी और उन पर दोष डालती थी। किन्तु अब मैं अपनी गलती स्वीकार कर पाती हूँ और सोचती हूँ कि अगली बार और बेहतर कैसे करूँ। फालुन दाफा मन और शरीर का एक प्राचीन साधना अभ्यास है जो सत्य-करुणा-सहनशीलता के सिद्धांतों पर आधारित है। इसमें पांच सौम्य और प्रभावी व्यायामों का भी समावेश है जो व्यक्ति के शरीर को शुद्ध करने, तनाव से राहत और आंतरिक शांति प्रदान करने में सहायता करते हैं। मिस्टर इंडिया फाइनलिस्ट रह चुके अधिराज चक्रबर्ती मुंबई के एक प्रतिष्ठित मॉडल और उभरते हुए फैशन फोटोग्राफर हैं। अधिराज पहले बहुत गुस्सेबाज थे और बात बात में आपा खो बैठते थे। अधिराज बताते हैं, फालुन दाफा के अभ्यास से मुझे अपने अन्दर और बाहर दोनो में ही बहुत बदलाव महसूस हुए।
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कोलकाता से मुंबई आने के बाद मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। लेकिन अब मैं एनेर्जेटिक महसूस करता हूँ और रोजमर्रा की परिस्थितियों में संयम रख पाता हूँ। फालुन दाफा का अभ्यास दुनियाभर में 114 से अधिक देशों में 10 करोड़ से अधिक लोगों द्वारा किया जा रहा है। लेकिन दुःख की बात यह है कि चीन, जो फालुन दाफा की जन्म भूमि है, वहां जुलाई 1999 से इसका दमन किया जा रहा है। चीन में हो रहे दमन के बारे में अधिराज कहते हैं, यह बिलकुल अविश्वसनीय है कि इतने शांतिमय अभ्यास को भी चीन में क्रूर दमन का सामना करना पड़ रहा है। चीन को इस अभ्यास पर गर्व होना चाहिए कि कैसे यह दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है। ऊटी में पली बढ़ी मोनिका थॉमस मुंबई की एक उभरती हुई युवा मॉडल हैं जो वोग, एल, हार्पर बाज़ार जैसी टॉप फैशन पत्रिकाओं के कवर की शोभा बढ़ा चुकी हैं। पिछले डेढ़ वर्ष से फालुन दाफा का अभ्यास कर रही मोनिका बताती हैं कि यह अभ्यास आरम्भ करते ही उन्हें मन और शरीर में सुखद बदलाव महसूस हुए।
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फालुन दाफा से मैंने सीखा कि अपना काम करते हुए कैसे स्वयं में लगातार सुधार लाया जाये जो मुझे पहले नहीं मालूम था। अब मैं अपने विचारों और अपने आस-पास की परिस्थितियों को बेहतर तरीके से सम्भाल पाती हूँ। मुंबई की एक मॉडलिंग एजेंसी में मैनेजर, नेहा शाह, कहती हैं, “फालुन दाफा का अभ्यास कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है, जो मेरी भागदोड़ वाली दिनचर्या के अनुकूल है। फालुन दाफा से न केवल मेरे स्वास्थ्य में सुधार आया है बल्कि मुझे अपने अन्दर देख पाने और अपनी कमियों को परखने की योग्यता मिली है, जिससे मैं किसी भी परिस्थिति में वस्तुओं को एक बड़े दायरे में देख पाती हूँ और शांत रह पाती हूँ। फैशन जगत से जुड़े ये मॉडल्स अपने भागदोड़ और प्रतिस्पर्धा भरे जीवन में अध्यात्म की राह अपना कर सफलता के पायदान चढ़ रहे हैं। नि:संदेह आज की युवा पीढ़ी के लिए ये रोल मॉडल्स हैं। यदि आप भी फालुन दाफा सीखने के लिए इच्छुक हैं तो इसकी अधिक जानकारी www.falundafa.org या www.falundafaindia.org पर पा सकते हैं। फालुन दाफा पूरी तरह से नि:शुल्क सिखाया जाता है।
रिपोर्ट- मुंबई डेस्क