सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में देखने को मिला अजीबो गरीब दृश्य, चिकित्सक का अमानवीय चेहरा आया सामने, चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की उठी मांग, चिकित्सक ने मानवता को किया शर्मशार
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चिकित्सक का अमानवीय कृत्य आया सामने
सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। बीतें दिन बुधवार 13 नवंबर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में अजीबो गरीब दृश्य देखने को मिला। यूं तो चिकित्सकों को भगवान का दर्जा दिया गया हैं, जो आम लोगों की जान बचाने का काम करता हैं। लेकिन ठीक इसके उलट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में तैनात एक चिकित्सक का अमानवीय चेहरा देखने को मिला। मरीज के परिजन इलाज के लिए चिकित्सक से बार-बार विनती करते रहें, लेकिन चिकित्सक ने इमरजेंसी में ड्यूटी ना होने का हवाला देते हुए इलाज करने से मना कर दिया।
इलाज के लिए तड़पता रहा 12 वर्षीय बालक
सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के हरनाटार गांव निवासी आयुष कुमार पुत्र अनूप कुमार 12 वर्ष को किसी जहरीले जंतु ने काट लिया। आनन फानन में परिजनों द्वारा बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर लाया गया, जहां पर तैनात डॉ संदीप गुप्ता ने उक्त बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया और कहा कि मेरी इमरजेंसी ड्यूटी नहीं हैं। इसलिए मैं इस लड़के का इलाज नहीं करूंगा।
बिलखते बच्चे पर नहीं पसीजा चिकित्सक का दिल
परिजनों के द्वारा बार बार अनुरोध करने पर डॉक्टर ने इलाज नही किया। तत्पश्चात परिवार जन बिना इलाज कराएं पीड़ित लड़के को लेकर बलिया चले गए। वहीं चिकित्सक की इस करतूत पर आम लोगो का कहना है कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में तैनात चिकित्सक की करतूत ने लोगो को सोचने पर विवश कर दिया है।
CMO ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिया प्रवचन
वही इस अमानवीय कृत्य को लेकर जब मुख्य चिकित्साधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इमरजेंसी होने से कुछ नही होता। डॉक्टर अगर अस्पताल में हैं, तो इलाज होना चाहिए।
चिकित्सा अधीक्षक ने भी रखी अपनी बात
इस संबंध में 'खबरें आजतक Live' ने जब चिकित्सा अधीक्षक डॉ व्यास से बात किया तो उन्होंने बताया कि चिकित्सक द्वारा अमानवीय कृत्य का मामला प्रकाश में आया है और यह घटना जांच का विषय हैं। कहा कि यह मामला उच्चाधिकारियों के भी संज्ञान में हैं और इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर दोषी चिकित्सक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आखिर क्या है इस पूरे मामले की सच्चाई
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो चिकित्सक संदीप गुप्ता अपने कुर्सी से भी नहीं उठें। बच्चों को देखना तो दूर उन्होंने साफ-साफ शब्दों में बच्चे को देखने से मना कर दिया। लोगों का कहना है कि चिकित्सक द्वारा किया गया अमानवीय कृत्य वहां लगे सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हैं, जिसे देखकर सहज ही सच्चाई का पता लगाया जा सकता हैं।
घटनाओं का संज्ञान क्यों नहीं लेते उच्चाधिकारी
लोगों का कहना है कि आए दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में चिकित्सकों की लापरवाही सामने आती हैं। फिर भी दोषियों पर किसी भी प्रकार की विभागीय कार्रवाई न होने से इनके हौसले बुलंद हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि सरकार के मंशा अनुरूप यहां के चिकित्सक कार्य नहीं करतें, जिसके चलते सरकार की छवि भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर धूमिल होती जा रही हैं।
पत्रक देकर भाजपा नेता ने की कार्रवाई की मांग
भाजपा नेता व समाजसेवी रंजीत राय ने इस पूरे मामले की कड़ी निंदा करते हुए उक्त चिकित्सक के खिलाफ जांच व कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का पत्रक चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर व्यास कुमार को सौंपा। इस दौरान रंजीत राय ने कहां की चिकित्सक भगवान का रूप होते हैं लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर में चिकित्सक संदीप गुप्ता द्वारा जो कृत्य किया गया हैं। यह पूरी तरह से मानवता के खिलाफ हैं। कहां की सरकार व विभागीय उच्चाधिकारियों को इस मामले का संज्ञान लेकर त्वरित कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जिससे चिकित्सकों के प्रति समाज में गलत संदेश का संचार ना हों।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो डेस्क