"चंद अधिकारियों व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकारी धन का जमकर किया जा रहा है दुरुपयोग, हालात यह है की धन आहरित कराने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर विकास कार्यों का नहीं मिल पा रहा है कोई पुख्ता साक्ष्य"
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास व गरीबों के उत्थान के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन चंद अधिकारियों व ग्राम प्रधान की मिलीभगत से सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। हालात यह है की धन आहरित कराने के बाद भी ज़मीनी स्तर पर विकास कार्यों का कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक मामला नवानगर ब्लॉक के लीलकर गांव में देखने को मिला। शुक्रवार को दर्जनों की संख्या में आक्रोशित ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान मानवेन्द्र कुमार साहनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ग्रामीणों ने बैठक कर एक स्वर में ग्राम प्रधान मानवेन्द्र कुमार साहनी द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। गांव निवासी विनय कुमार मिश्रा व फिरोज अंसारी ने बताया कि सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ जनता की बजाय ब्लॉक स्तरीय अधिकारी व ग्राम प्रधान उठा रहे हैं। भोला मिश्रा ने बताया कि चुनाव संपन्न होने के बाद से अब तक ग्रामप्रधान द्वारा ग्राम पंचायत में कार्यकारिणी की कोई भी खुली बैठक नहीं हुई है ना ही सदस्यों से आज तक कोई प्रस्ताव लिया गया हैं। बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा पेंशन के नाम पर प्रति व्यक्ति से एक हजार से दो हजार रूपए की अवैध वसूली भी की जा रही है।
इस दौरान दर्जनों महिलाओं ने भी ग्राम प्रधान मानवेन्द्र कुमार साहनी पर विकास व गरीबों के उत्थान से जुड़ी योजनाओं में बड़े पैमाने पर धांधली व हिला हवाली का आरोप लगाया। महिलाओं का आरोप है कि ग्राम प्रधान मानवेंद्र कुमार साहनी गांव में रहते ही नहीं है। ग्राम पंचायत में प्रधान का कार्यभार इनके पिता देवेंद्र प्रसाद साहनी निभाते हैं, जो स्वास्थ्य विभाग मिर्जापुर में कार्यरत है। इसके बावजूद भी वो अपनी नौकरी मैनेज करते हुए गांव में रहकर ग्राम प्रधानी चला रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई कार्यों की जांच ब्लॉक अधिकारियों द्वारा कई बार की जा चुकी है। लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा उन्हें मैनेज कर दिया जाता है, जिससे जांच अधिकारी ही मामले की लीपापोती में लग जाते हैं। यहीं कारण हैं कि इस मामले में अभी तक कोई उचित कार्यवाही नहीं हो पाई है। ग्रामीणों ने बैठक में मांग किया है कि जितने भी विकास कार्य कराये गये हैं, सबकी सूची मंगवा कर सभी की निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएं। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं होती है तो सभी ग्रामवासी मिलकर तहसील व जिला स्तर पर आंदोलन भी चलाएंगे। बैठक में लालचंद बिंद, बृजा बिंद, कन्हैया बिंद, संजय निषाद, किशुन कश्यप, रोहित बिंद, भीम बिंद, विजय बिंद, कमलेश बिंद, प्रदीप बिंद, होशिला बिंद, मौलवी बिंद, बृजा वर्मा समेत पांच दर्जन से ज्यादा स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहें।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता