"संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा जापानी इंसेफेलाइटिस के वाहक सूअर के बाड़ो को चिन्हित कर किया जाएगा आबादी से दूर"
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बलिया (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ० अभिषेख मिश्रा ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान पशुपालन विभाग द्वारा जापानी इंसेफेलाइटिस के वाहक सूअर के बाड़ो को चिन्हित कर आबादी से दूर किया जाएगा। आमजन डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से ग्रसित न हो सके। इसके लिए लार्विसाइड का नियमित रूप से शहरी क्षेत्रों में छिड़काव कराया जा रहा है। नोडल अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जेई/एईएस के रोगी पाए गए हैं। वहां पर रोस्टर बनाकर जिला मलेरिया कार्यालय की टीम द्वारा लार्विसाइड छिड़काव एवं फागिंग कराया जा रहा है तथा सामान्य रूप से छिड़काव की कार्रवाई पंचायती राज विभाग द्वारा संपादित की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता हेतु प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। संचारी अभियान की सप्ताहिक समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजी जा रही है। इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जुड़े विभाग पूरे समर्पण भाव से सहयोग कर रहे हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से ग्राम पंचायत, ब्लॉक व तहसील स्तर पर लगातार रैली का आयोजन किया जा रहा है। स्कूलों में बच्चों को पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही प्रार्थना सभा में संचारी रोगों की शपथ दिलाई जा रही है। बुखार के रोगियों का शत-प्रतिशत उपचार कराए जाने के उद्देश्य से समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पांच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो बेड आरक्षित कराए गए हैं। कुपोषित बच्चों में से अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस रोग का सूअर प्रथम वाहक है तथा बीमारी फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है इसके लिए आबादी से बाहर सूअर के बाड़े स्थानांतरित कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से सहयोग लिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सप्ताहिक रूप से लार्विसाइड का छिड़काव कराया जा रहा है। वर्षा तथा दूषित जल से होने वाले बीमारियों से बचाव हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने का पानी उबालकर प्रयोग मे लाने की सलाह दी जा रही है।
नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आम लोगों को क्लोरीन युक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद के अधिकारियों से आग्रह किया गया। इस अभियान में ज़िला मलेरिया अधिकारी के साथ पीसीआई के रीजनल मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर विकास द्विवेदी, सहायक मलेरिया अधिकारी डॉ नीलोत्पल एवं बीवीडी कंसल्टेंट रागिनी का सहयोग इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निरन्तर मिल रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि पीसीआई संस्था के रीजनल मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर विकास द्विवेदी के सहयोग से चार स्कूलों में संचारी जागरूकता गोष्ठी, प्रचार- प्रसार, संचारी वीडियो का प्रदर्शन कराया गया। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि 1 जुलाई से 9 जुलाई तक विभिन्न विभागों द्वारा संपादित गतिविधियों की प्रगति इस प्रकार है।
स्वास्थ विभाग द्वारा 1341 सामुदायिक बैठके की गई, 714 रैली निकाली गई। 99736 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 2581 जल पात्रों को देखा गया, जिसमें 125 जल पात्रों में लार्वा पाया गया। पंचायती राज विभाग द्वारा 943 ग्राम सभाओं में नालियों की सफाई करायी गयी। साथ ही 291 ग्रामों में झाड़ियों की कटाई कराई गई। ग्राम प्रधानों द्वारा 978 जन जागरूकता बैठकें आयोजित कर लोगों को जागरूक किया गया। 568 उथले हैंडपंपों को चिन्हित कर उसका पानी न पीने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा 2250 नोडल अध्यापकों को संवेदीकृत कर 573 जन जागरूकता गोष्टीया कराई गई एवं 573 प्रार्थना सभाओं में संचारी रोगों के प्रति बच्चों को जागरूक किया गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 186 स्कूल रैलियां आयोजित की गई एवं 186 स्कूलों में संचारी रोगों पर चित्रकला प्रतियोगिता की गई। बाल विकास पुष्टाहार विभाग द्वारा सोलह 16 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया एवं उसमें से 10 बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में संदर्भित किया गया। पशुपालन विभाग द्वारा 51 पशुपालकों को संचारी रोगों के बारे में जागरूक किया गया एवं 51 पंपलेट वितरित किए गए। सिंचाई विभाग द्वारा दो माइनरों की सफाई कराई गई। इस दौरान नगर विकास विभाग द्वारा 133 स्थानों पर फागिंग कराई गई एवं 573 नाले व नालियो की सफाई कराई गई।
रिपोर्ट- बलिया डेस्क