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पाकिस्तान: प्रधानमंत्री की कुर्सी डगमगाता देख अचानक भारत की शान में यें कसीदे क्यों पढ़ने लगे इमरान खान, आइए जानें इसका मुख्य कारण

"बाजवा के साथ दिखी थी तकरार, विदेश नीति पर पुरानी सरकारों को भी दिखाया था आईना, जानें भारत की विदेश नीति को लेकर इमरान ने क्या कहा"

                                               
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इस्लामाबाद (ब्यूरो, पाकिस्तान)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार का शायद आज आखिरी दिन है। उन्हें नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का सामना करना है। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को पाकिस्तानी की जनता को संबोधित किया। इस दौरान वह विपक्ष पर बरसते हुए भारत की विदेश नीति की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी है कि पूरी दुनिया रूस के खिलाफ है, लेकिन भारत वहां से अपने देश के लिए तेल खरीद रहा है। दरअसल,  इमरान मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ कर एक तरह से खुद की विदेश नीति को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे। साथ ही वह यह भी बताने कि कोशिश कर रहे थे कि पाकिस्तान की सरकार पर वहां की सेना का किस हद तक दबाव रहता है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां सेना सरकार के साथ सामंजस्य बिठाकर अपना काम करती है। कभी भी सरकार की नीतियों में दखल नहीं देती है। इसके ठीक विपरीत पाकिस्तान की सरकार पर हर पल सेना का दबाव रहता है। इमरान खान को भी इसका सामना करना पड़ा। इसलिए वह भारत की विदेश नीति का जिक्र कर यह संदेश देना चाहते हैं कि किस तरह कि सेना कंट्रोल में रखना चाहती है।

रूस की सेना ने जब यूक्रेन पर हमला शुरू ही किया था तो इमरान खान ने मास्‍को का दौरा किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका पर उनकी सरकार को गिराने के साजिश रचने का भी आरोप लगाया। इमरान की रूस से नजदीकी पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को ही रास नहीं आई। उन्होंने यूक्रेन पर रूसी हमले की खुलेआम आलोचना करते हुए अमेरिका की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने यहां तक कहा था कि हम अमेरिका से दूर नहीं जा सकते हैं। इमरान खान समय-समय पर पाकिस्तान की पुरानी सरकारों को भी विदेश नीति को लेकर आईना दिखाते रहे हैं। एकबार उन्होंने कहा था, ''पाकिस्तान की पुरानी सरकारें अमेरिका के दबाव में काम करती थी। उन्होंने अपने ही नागरिकों को अमेरिकी ड्रोन हमले में मरवाया। मैं आजाद पॉलिसी चाहता हूं। परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ के दौर में अपने ही लोग मारे गए। उनके पास पाकिस्तान के लिए आजाद पॉलिसी नहीं थी। शुक्रवार की रात राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान उन्होंने इसकी खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे के साथ स्वतंत्रता प्राप्त की थी।

आज भारत एक काफी संप्रभु राष्ट्र है। वे अपने देश पर विश्वास करते हैं। इमरान खान ने कहा, भारत को अपने आप पर बहुत गर्व है। कोई भी महाशक्ति उनके लिए शर्तें तय नहीं कर सकती है। उसे आंख दिखाने की हिम्मत कोई नहीं कर सकता है। वो रूस से तेल खरीद रहे हैं, जबकि उस पर बैन लगा हुआ है। मैं पाकिस्तान के लिए भी यही चाहता हूं। मैं भी अपने लोगों के लाभ को समझता हूं और इसे प्राथमिकता देता हूं। इमरान खान ने अपने संबोधन में आरएसएस का जिक्र भी किया। कहा कि मेरे हिन्दुस्तान की सरकार के साथ रिश्ते सिर्फ आरएसएस की वजह से बिगड़े, नहीं तो हमारे अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ बहुत अच्छे संबंध रहे हैं। इससे पहले भी इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की तारीफ की थी। अपने एक संबोधन में उन्होंने कहा था, मैं आज हिंदुस्तान को सलाम करता हूं। इसने हमेशा एक स्वतंत्र विदेश नीति बनाए रखी है। उन्होंने आगे कहा था, भारत क्वाड गठबंधन का सदस्य है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका इसके सदस्यों में से एक है। लेकिन भारत अभी भी खुद को न्यूट्रल कहता है। भारत रूस से तेल आयात कर रहा है, जो प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की विदेश नीति अपने लोगों के लिए है।

रिपोर्ट- इस्लामाबाद डेस्क

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