"एटीएस ने बरामद किए फर्जी दस्तावेज, चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल हुए थें मौर्य, फाजिल नगर विधानसभा सीट से चुनाव हारे थें मौर्य"
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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव पर बेरोजगार युवकों को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए ठगने का आरोप लगा है। यूपी एटीएस ने स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव और उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने यह गिरफ्तारी लखनऊ से की है। यूपी सरकार के पूर्व मंत्री मौर्य के निजी सचिव का नाम अरमान खान है। एटीएस ने इनके पास से सात मोबाइल फोन, 57 हस्ताक्षरित चेक, पांच फर्जी आईडी कार्ड्स, 22 फर्जी नियुक्ति पत्र, लखनऊ सचिवालय का एंट्री पास, 14 लोगों के अंक पत्र एवं प्रमाणपत्र तथा एक एसयूवी बरामद किया हैं। एसटीएस इस धोखाधड़ी एवं ठगी के मामले में आगे की विस्तृत जांच कर रही है। मौर्य यूपी चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल होकर भाजपा को बड़ा झटका दिया था। यूपी में पिछड़ी जातियों के बड़े नेताओं में शुमार मौर्य ने दावा किया था कि यूपी चुनाव में भाजपा की हार होगी और वह दोबारा सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन मौर्य के दावों के विपरीत भाजपा ने राज्य में बड़ी जीत दर्ज की। ज्ञात हो कि मौर्य खुद अपना चुनाव हार गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पड़रौना सीट से बड़े अंतर से जीत दर्ज की, लेकिन इस बार उन्होंने पड़रौना की जगह फाजिलनगर से चुनाव लड़ा, लेकिन इस सीट पर उनकी हार हुई। भाजपा में शामिल होने से पहले मौर्य बसपा के साथ जुड़े हुए थे। बसपा में मायावती के बाद उनकी नंबर दो की हैसियत मानी जाती थी। ठगी के मामले में यूपी एटीएस मौर्य से भी पूछताछ कर सकती है।
रिपोर्ट- लखनऊ क्राइम डेस्क