Left Post

Type Here to Get Search Results !

यूपी विधानसभा चुनाव 2022: क्या बुलडोजर फैक्टर से ढह सकता हैं सपा का किला, आइए जानें अखिलेश के घर में ही क्यों हो रही हैं योगी की तारीफ

"भारतीय जनता पार्टी इस बार योगी के 'बुलडोजर फैक्टर" के सहारे मुलायम परिवार के मजबूत किले को ढाहने के लिए लगा रही है पूरा जोर"

खबरें आजतक Live

लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े गढ़ मैनपुरी में इस बार राजनीतिक हलचल कुछ अलग है। भारतीय जनता पार्टी इस बार योगी के 'बुलडोजर फैक्टर" के सहारे मुलायम परिवार के मजबूत किले को ढाहने के लिए पूरा जोर लगा रही है। स्थानीय लोगों से बातचीत पर पता चलता है कि जहां पहले कभी मुलायम और अखिलेश के ही प्रशंसक मिलते थे, वहां इस बार योगी की तारीफ भी कम नहीं हो रही है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर और कोरोना संकट के दौर में मुफ्त राशन को लेकर योगी सरकार को अच्छा समर्थन मिलता दिख रहा है। मैनपुरी जिले में चार विधानसभा सीटें जिनमें मैनपुरी सदर के अलावा भोगांव, किशनी और करहल शामिल है। इस समय सभी चारों सीटों पर सपा का कब्जा है। 2017 में जब बीजेपी यूपी में 300 से अधिक सीटों पर कमल खिलाने में कामयाब रही, मैनपुरी में उसे खाली हाथ रहना पड़ा। समाजवादी पार्टी के संरक्षक और संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मैनपुरी से ही की थी और अब अखिलेश यादव को यहां की विरासत सौंप चुके हैं। सपा ने मैनपुरी सदर, किशनी और भोगांव से मौजूदा विधायक राजू यादव, बृजेश कठेरिया, आलोक कुमार शाक्य को एक बार फिर उतारा है तो करहल से खुद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी ने करहल से अखिलेश यादव के खिलाफ सत्यपाल सिंह बघेल को चुनाव में उतारा है।

मैनपुरी के लोगों को सपा का वफादार वोट बैंक समझा जाता है, लेकिन इस बार वे योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से कानून व्यवस्था में किए गए सुधार की तारीफ करते हैं। वे मानते हैं बीजेपी सपा को कड़ी टक्कर दे सकती है। हालांकि, बहुत से लोग यह भी मानते हैं कि बेरोजगारी, कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सबकी चिंता बरकरार है और चुनाव में ये मुद्दे बड़े पैमाने पर हावी रहेंगे। मैनपुरी के रहने वाले रॉकी शुक्ला कहते हैं कि शिक्षा की कमी, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचा क्षेत्र के लिए तीन मुख्य मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि सपा के शासन में इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ था, लेकिन मौजूदा बीजेपी सरकार में यह अधिक हुआ। जब प्रशासन की बात आती है तो यह योगी सरकार में बेहतर है। दोनों का मेल जनता के लिए सबसे अच्छा होगा। वह कहते हैं कि पहले की तरह इस बार यहां मुकाबला एकतरफा नहीं है, बीजेपी और सपा में कड़ा मुकाबला है। शुक्ला ने कहा, बीजेपी का प्रभाव इस बार अच्छा है। पहले सपा उम्मीदवारों के लिए यहां से जीतना बहुत आसान होता था, लेकिन इस बार कहा जा सकता है कि मुकाबला मुश्किल है। 56 साल के दामोदर भी इस बात को दोहराते हैं कि बीजेपी इस बार सपा को चुनौती दे रही है। वह कहते हैं कि हम खुश हैं कि योगी सरकार मुफ्त राशन दे रही है।

माफियाराज और गुंडागर्दी का खत्मा हो गया। स्थानीय कारोबारी संदीप चतुर्वेदी मानते हैं कि शहर को बेहतर कनेक्टिविटी, शैक्षणिक संस्थानों और चिकिस्ता सुविधाओं की आवश्यकता है तो वहीं युवाओं के बीच बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। चतुर्वेदी कहते हैं कि सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी, विकास की कमी और कनेक्टिविटी है। इटावा में मैनपुरी के मुकाबले अधिक ट्रेनें हैं। यह सच है कि महामारी के समय में बीजेपी ने मुफ्त राशन दिया। मैं मानता हूं कि मुकाबला इस बार टफ है। सपा ने इटावा के मुकाबले मैनपुरी को कम दिया है। यहां कोई शैक्षणिक संस्थान नहीं है। चिकित्सा सुविधा का भी अभाव है। वह यह भी कहते हैं कि मौजूदा सरकार ने मैनपुरी को सपा का गढ़ समझा और इसलिए अधिक ध्यान नहीं दिया। 40 साल के मुकीम कहते हैं कि मैनपुरी के लिए विकास सबसे अहम मुद्दा है। वह नहीं मानते हैं कि कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है। मुकीम ने कहा कि और विकास होना चाहिए। कानून-व्यवस्था बहुत बेहतर नहीं है। बीजेपी मुकाबले में है, लेकिन सपा उम्मीदवार को नहीं हरा पाएगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे फेज के तहत मैनपुरी में 20 फरवरी को मतदान होगा। सात में से 2 चरण का मतदान हो चुका है। 5 चरण के बाद 10 मार्च को मतगणना होगी और पता चलेगा कि इस बार मैनपुरी के मन में क्या है।

रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Image     Image     Image     Image

Below Post Ad

••••••••••••••••••••••••••••••••••••

--- इसें भी पढ़ें ---

    1 / 6
    2 / 6
    3 / 6
    4 / 6
    5 / 6
    6 / 6