"एलपीजी सिलिंडर की बिक्री से सरकार को होने वाला नुकसान अब पहुंचा 100 रुपये, सरकार इसे कम करने के लिए एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में इजाफा करने की बना रहीं योजना, दिवाली से पहले हो सकती है वृद्धि"
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नई दिल्ली (ब्यूरो, भारत)। रावण को पराजित करने और वनवास के 14 साल पूरे करने के बाद जब श्रीराम अयोध्या वापस आए थे तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घी के दिए जलाए थे। यही परंपरा तब से चली आ रही है और दीपावली के दिन हर हिंदू परिवार के घर-घर में सजावट होती है, पूजा होती है, पकवान बनते हैं और जश्न जैसा माहौल रहता है। लेकिन, इस बार आम आदमी के लिए यह जश्न फीका पड़ सकता है। इस बार घी के दिए जलाना तो दूर की बात है। आम आदमी के लिए रसोई गैस को जलाना भी मंहगा पड़ सकता है। दरअसल, दीपावली से पहले एलपीजी सिलिंडर की कीमतों में फिर से इजाफा किया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार एलपीजी के मामले में सरकार को लागत से कम मूल्य पर बिक्री करने से होने वाला नुकसान इस समय 100 रुपये प्रति सिलिंडर तक पहुंच गया है।
इसी नुकसान को कम करने के लिए एलपीजी की कीमतें बढ़ाई जा सकती हैं। इससे पहले छह अक्तूबर को एलपीजी की कीमतों में 15 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। यहां ध्यान देने वाली बात है कि इस साल जुलाई से घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दाम 90 रुपये बढ़ चुके हैं। कीमत में कितनी बढ़ोतरी होगी। अभी यह स्पष्ट नहीं हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सिलिंडर की कीमतों में कितनी वृद्धि की जाएगी। लेकिन, कोरोना वायरस महामारी और पहले ही महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए मामूली वृद्धि भी पहाड़ की तरह साबित होती है। सूत्रों ने बताया कि एलपीजी सिलिंडर की कीमत में कितना इजाफा होगा, यह सरकार की अनुमति पर निर्भर करता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमत में बढ़ोतरी होने से एलपीजी सिलिंडर की बिक्री से सरकार को होने वाले नुकसान में काफी इजाफा हुआ है, जिसे अब कम करने की योजना है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क