"रामलीला के अंतिम दिन प्रभु श्री राम का राजतिलक कर राजगद्दी पर विराजमान भगवान प्रभु श्रीराम पंचायतन की उतारी गई भव्य आरती, चहुओर जलायें गयें दीप"
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रतसर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। स्थानीय नगर पंचायत के श्री बीका भगत सेवा संस्थान रतसर के तत्वाधान में संचालित रामलीला कमेटी के संयोजकत्व में स्थानीय लोगों द्वारा मंचित 45 वें संगीतमय पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की लीलाओं के मंचन में पंद्रहवें दिन की श्री रामलीला 25 अक्टूबर दिन सोमवार को हुआ, जिसमे लंका विजय कर सुन्दर मनोहारी सजे पुष्पक विमान पर सवार हो प्रभु श्रीराम लक्ष्मण सीता हनुमान सहित पूरी सेना के अयोध्या लौटने पर भरत मिलाप कार्यक्रम गांधी आश्रम चौराहा पर बने भव्य मंच पर सायं 5 बजे हुआ। जिसमें भरत सहित समस्त अयोध्या वासी व दर्शक जन मौजूद रहे। रात्रि 9 नौ बजे बीका भगत रामलीला मंच पर प्रभु श्रीराम का राजतिलक कर राजगद्दी पर विराजमान भगवान प्रभु श्रीराम पंचायतन की भव्य आरती उतारी गयी। चहुओर दीप जलाये गये। सारा वातावरण जय श्रीराम के उदघोष से गुंजायमान हो उठा। रामलीला के अंतिम दिन सत्यवादी हरिश्चंद्र नाटक का सजीव मंचन भी किया गया।
पंद्रहवें दिन की रामलीला के मुख्य प्रायोजक रतसरकलां के पूर्व ग्राम प्रधान नईम अख्तर व कुंवर सिंह पीजी कालेज बलिया छात्र संघ के पूर्व महामंत्री अखिलेश यादव संयुक्त रुप से रहें। रामलीला कमेटी द्वारा प्रायोजकों का पुष्प माला पहनाकर गर्मजोशी के साथ भव्य स्वागत भी किया गया। रामलीला मंच पर उन्होने भगवान श्रीराम लक्ष्मण हनुमान के प्रतीक पात्रों की विधिवत आरती उतारी। उसके बाद रामलीला मंचन का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर अखिलेश यादव ने कहा कि हर वर्ष रामलीला मंचन इसलिए किया जाता है कि समाज को याद बना रहे, कि प्रभु श्रीराम का जीवन परेशानियों, संघर्षों के बावजूद भी आदर्श और मर्यादित रहा है। उनके जीवन से लोग रामलीला के माध्यम से भाई, पिता, पत्नी और समाज के प्रति प्रभु श्रीराम का स्नेह, प्यार किस तरह था। यह हमें याद दिलाता है कि बुराई के प्रति अच्छाई कैसे होती है। हमें उनकी लीला से कुछ न कुछ सीख मिलती है, जिस पर चलकर मानव जीवन का उद्धार हो सकता है। प्रायोजक ने आगामी त्योहारों की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाईयां भी सभी लोगों को दिया। कार्यक्रम में 15 दिनो के रामलीला प्रायोजकों को पुष्प माला से स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
रामलीला कमेटी के सभी कार्यकर्ताओं को पुष्प माला पहनाकर अंग वस्त्र से सम्मानित भी मंच पर किया गया। मुख्य अभिनय पात्र राम- अरविंद शर्मा, लक्ष्मण- गुड्डू यादव, भरत- राधेश्याम खरवार, शत्रुघ्न- शिवम सिंह, सीता- अनील यादव, हनुमान- गोरख यादव, सुग्रीव- चन्द्रशेखर राजभर, जामवंत- दीपक गुप्ता, अंगद- अभय सिंह विशाल, ब्रम्हा- मृत्युंजय सिंह, नगरवासी- सुदामा प्रजापति रावण- बरमेश्वर गिरी व विभिषण- मुन्ना राजभर आदि रहे। व्यास वीरेंद्र तिवारी द्वारा रामायण की चौपाइयों का संगीतमय मधुर पाठ भी किया गया। बेन्जू वादक संतोष भारती, नाल वादक मदन राय, जोड़ी वादक धीरज राजभर ने वाद्ययंत्र से साथ दिया। साथ ही अजय, वंटी, अनिल मन्नु ने अपने नृत्यकला से लोगों का भरपूर मनोरंजन भी किया। बाँस बल्लियों से बैरीकेटिंग कर महिला-पुरूष दर्शको के बैठने की उचित व्यवस्था भी रही। मंच का संचालन विजय शंकर यादव, पार्श्व संचालन व रुप सज्जा मुन्नालाल श्रीवास्तव व चन्दन पाण्डेय ने किया।
कार्यक्रम देर रात्रि 01:30 बजे तक निर्बाध गति से चलता रहा। शान्ति व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस चौकी रतसर के प्रभारी अतुल कुमार मिश्र कांस्टेबल कैलाश, जय प्रकाश यादव, मुकेश यादव, शिव प्रताप सिंह, सुरज कुमार प्रजापति तथा होम गार्ड के जवान कार्यक्रम के अंत तक सर्तकता व निगरानी बनाये रखें। बीका भगत सेवा संस्थान के अध्यक्ष अजीत सिंह, रामलीला कमेटी के अध्यक्ष नंदू सिंह, संरक्षक विश्वकर्मा शर्मा व मदन यादव ने संयुक्त रूप से आए हुए सभी लोगों का राम राज्य की मंगल कामनाओं सहित आभार व्यक्त किया। साथ ही श्री रामलीला मंचन के समापन की घोषणा भी किया। इस कार्यक्रम मे प्रायोजक नईम अख्तर व अखिलेश यादव के साथ पूर्व प्रायोजक पवन सिंह, डा० प्रवीण सिंह, अजीत यादव, सुनील पाण्डेय, फैयाज अहमद, उमेश सिंह व किसान फोर्स कार्यकर्ताओं सहित समस्त सम्माननीय रामलीला दर्शक जन मौजूद रहे। अंत मे तुलसी कृत रामायण की चौपाई "मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी" के उदघोष के साथ ही रामलीला मंचन का समापन हुआ। साथ ही विश्व कल्याण हेतु कामना भी की गयी।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय