"राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम पंचायत संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर ग्राम प्रधानों के कार्यकाल को छह माह तक बढ़ाने की किया मांग"
![]() |
खबरें आजतक Live |
गोरखपुर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम पंचायत संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर ग्राम प्रधानों के कार्यकाल को छह माह तक बढ़ाने की मांग की। सीएम ने आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम पंचायत संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाध्यक्ष प्रहलाद सिंह के नेतृत्व में ग्राम प्रधान गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर कक्ष में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। सीएम को बताया कि ग्राम प्रधानों का वर्तमान कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसी दशा में या तो कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया जाए या मध्य प्रदेश की तर्ज पर प्रशासकीय समिति गठित की जाए, जिसमें वर्तमान ग्राम प्रधान व सदस्य ही शामिल हो। प्रतिनिधिमंडल में कृष्ण चंद्र वर्मा, छोटे लाल पासवान व विजय बहादुर यादव आदि लोग शामिल रहे। सीएम ने कहा कि उनकी मांग पर गंभीरता से विचार कर ग्राम पंचायतों के हित में निर्णय लिए जाएंगे। बताते चलें कि पंचायत चुनाव की तैयारी शासन स्तर पर तेज हो गई है। मतदाता सूची का काम शुरू होने वाला है। चुनाव नजदीक आता देख प्रधान पद के उम्मीदवारों ने सुबह शाम मतदाताओं से दुआ सलाम करने के साथ ही घर-घर जाकर बैठक बाजी भी तेज कर दी है। चट्टी चौराहों पर भी बस पंचायत चुनाव की ही चर्चा होती रहती है। वर्तमान प्रधान जहां मतदाताओं को वृद्धा पेंशन बनवाने का दावा कर रहे हैं। वहीं अन्य उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद कॉलोनी और जमीन का पट्टा देने का वादा करते दिख रहे हैं। वर्षों से ग्राम सभा के लोगों से ना बोलने वाले भी अब पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही व्यवहार कुशल बनकर अपने पक्ष में मतदान करने की बात कर रहे हैं। पूर्व प्रधान तो घर-घर जाकर लोगों से अपने समय में किए गए कार्यों को गिना कर खुद को जीता हुआ बता रहे हैं। जाति और धर्म के नाम पर भी मतदाताओं को अपने पाले में लाने का प्रयास किया जा रहा है। सालों से ना बोलने वाले अब अपने आप को मतदाताओं का शागिर्द बताते नहीं थक रहे हैं। जिन गरीब परिवार के लोगों से बात करने में प्रधानी के उम्मीदवार कतराते थे। आज उन्हीं के घर पर नाश्ता पानी करते हुए घंटों अपना समय बिता रहे हैं।
रिपोर्ट- गोरखपुर डेस्क