लखनऊ (ब्यूरों) लॉकडाउन के तीसरे चरण में शराब की बिक्री शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। अब योगी सरकार शराब की होम डिलीवरी की सुविधा देने पर विचार कर रही है। दरअसल, शराब की बिक्री शुरू करने का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में विचाराधीन है और इस मामले में सरकार को 12 मई तक नोटिस का जवाब भी देना है। फैसले से पहले ही सरकार अब मदिरा के शौकीनों के घर तक शराब की डिलीवरी करने पर विचार कर रही है। आबकारी मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार दूसरे राज्यों में शुरू की गई इस व्यवस्था का अध्ययन कर रही है।
अगर वहां यह सफल होता है तो यूपी में भी होम डिलीवरी की व्यवस्था पर विचार किया जा सकता है। आबकारी मंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में ऑनलाइन की बिक्री हुई है, उन राज्यों के परिक्षण के बाद ऑनलाइन बिक्री का विचार करेंगे। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हुआ था, लेकिन अब नहीं हो रहा है। शराब की ओवर रेटिंग की शिकायत पर उन्होंने कहा की सभी कमिश्नर को निर्देश दिए गए हैं। जहां ओवर रेटिंग की शिकायत मिले वहां कार्रवाई की जाए। गौरतलब है कि 4 मई को जैसे ही शराब की बिक्री शुरू हुई तो खरीदारों का हुजूम दुकानों पर उमड़ पड़ा।
इस दौरान कई जगह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाली तस्वीरें सामने आईं। ऐसे में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील चौधरी ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को ऑनलाइन पात्र भेजकर शराब की दुकानों को खोलने के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की। साथ ही अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कोर्ट से शराब की होम डिलीवरी कराने का निर्देश देने की अपील भी की गई। इस मामले में कोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए योगी सरकार से 12 मई तक जवाब तलब किया है। अब कोर्ट के निर्देश से पहले ही सरकार शराब की होम डिलीवरी पर विचार कर रही है।
रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क