Left Post

Type Here to Get Search Results !

बलिया: प्रतियोगिता में भाग लेने से होता है मन, मस्तिष्क, ज्ञान एवं बुद्धि का विकासः डा० गणेश पाठक


नगवा (बलिया) शहीद मंगल पाण्डेय राजकीय महिला पी० जी० कालेज नगवा, बलिया के सभागार में नेहरू युवा केन्द्र बलिया द्वारा " राष्ट्र भक्ति एवं राष्ट्र निर्माण " पर एक जनपद स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें जनपद के विभिन्न विकासखण्डों के युवक एव युवतियों ने भाग लिया। प्रतियोगिया का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल के संयोजक अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा के पूर्व प्राचार्य व पर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक, नेहरु युवा केन्द्र के जिला समन्वयक शुभम जैन, कार्यक्रम समन्वयक शरद सौरभ, निर्णायक मण्डल के सदस्य ओम प्रकाश पाठक एवं वरिष्ठ पत्रकार रणजीत सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर एवं माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात प्रतियोगियों द्वारा भाषण प्रतियोगिता में अपना -अपना भाषण प्रस्तुत किया गया। प्रत्येक प्रतियोगी हेतु 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया था और भाषण प्रस्तुति में विभिन्न पक्षों के लिए अंक निर्धारित किए गये थे, जिसका निर्णय एक निर्णायक मण्डल द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया।
इस भाषण प्रतियोगिता में 21 प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुति दी, जिसमें से निर्णायक मण्डल द्वारा प्रदत्त अंकों की श्रेष्ठता के आधार पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों का चयन किया गया। प्रथम स्थान पर सोहाँव विकासखण्ड के प्रशान्त कुमार राय, द्वितीय स्थान पर बैरिया विकासखण्ड के अतुल कुमार मिश्र एवं तृतीय स्थान पर मुरली छपरा विकासखण्ड के प्रणव कुमार पाठक का चयन किया गया। इन प्रतियोगियों को क्रमशः 5000, 3000 एवं 1000 की नगद धनराशि, स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण- पत्र देकर पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम मुख्य अतिथि एवं निर्णायक मण्डल के सदस्य द्वारा सम्पन्न किया गया। नेहरू युवा केन्द्र के समन्वयक शुभम जैन द्वारा मुख्य अतिथि एवं निर्णायक मण्डल के सदस्य को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में हार - जीत उतना महत्वपूर्ण नहीं होता , जितना कि प्रतियोगिता में भाग लेना महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि जो प्रतियोगिता में भाग लेता है उसी में से कोई जितता है और कोई हारता है। जीत एवं हार दोनों को हमें सकारात्मक रूप में ही लेना चाहिए। क्यों पहली हार अगली जीत की आधारशिला रखती है। बशर्ते की हम और मनोयोग से जीत के लिए तैयारी करें। डा० पाठक ने कहा कि जो प्रतियोगी प्रतियोगिता जीतता है, उससे उसका सामाजिक विकास भी होता है , क्योंकि न केवल परिवार , बल्कि समाज के लिए भी वह श्रेष्ठ हो जाता है और उसकी अलग पहचान बन जाती है । डा० पाठक ने यह भी बताया कि प्रतियोगिता में भाग लेने से प्रतियोगियों के मन , मस्तिष्क, ज्ञान एवं बुद्धि का विकास होता है , जो उसे आगे बढ़ने के लिए मार्ग प्रशस्त करता है, कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार रणजीत सिंह एवं नितेश पाठक ने संयुक्त रूप से किया।

रिपोर्ट- संवाददाता डॉ ए० के० पाण्डेय

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---