सिकन्दरपुर (बलिया) एक तरफ प्रदेश सरकार शहरी क्षेत्रों को 22 से 24 घंटे बिजली व ग्रामीण क्षेत्रों को 17 से 18 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए निर्बाध विद्युत आपूर्ति विद्युत उपकेंन्द्रो पर करा रही है। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है विद्युत उपकेंद्र पर शासन के रोस्टर के हिसाब से बिजली तो मिल रही है लेकिन उपकेंद्र से विद्युत आपूर्ति केवल 7 से 8 घंटे भी निर्बाध रूप से नहीं मिल रही है वही केंद्रों पर कर्मचारी भी उपलब्ध नहीं रह रहे हैं जिससे उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है। सिकन्दरपुर कस्बे के लिए अलग तीन फीडर बनाए गए हैं जबकि ग्रामीण के लिए भी तीन फीडर बनाए गए हैं केंद्र पर लगे मशीन की हालत यह है कि अगर कहीं कोई फाल्ट आ जाए तो मशीनें ट्रिप नहीं हो रही है जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए नई मशीन विगत 6 माह से केंद्र पर आकर बाहर रखी हुई है लेकिन आज तक वह लगाई नहीं जा सकी जो मशीनें लगी हुई है वह भी ठीक से काम नहीं कर रही है। सिकन्दरपुर कस्बे के लिए आईपीडीएस योजना के अंतर्गत फीडर को अलग करने के लिए विगत 2 वर्ष पहले नए खंभे लगाए जाने के बाद ट्रांसफार्मर व तार लगाए जाने थे लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी केवल कुछ जगहों पर खंभे लगा दिए गए लेकिन आज तक नए ट्रांसफार्मर व तार नहीं लग पाए जब गर्मी अपना रूप दिखाती है तब बिजली भी अपना रूप दिखाना शुरू कर देती है हालात बद से बदतर हो गया है लेकिन कोई भी अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है केंद्र पर एसडीओ व जेई आते तो हैं लेकिन वह भी इस कान से सुनकर उस कान से निकाल देते हैं जिसको लेकर आम उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में एसडीओ वीरेंद्र यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए नई मशीन आ गई है जल्द ही उसे लगाया जाएगा वहीं पुरानी मशीनों को भी ठीक कराया जाएगा आईपीडीएस योजना के अंतर्गत कुछ कार्य होने थे पुराने ठीकेदार के ब्लैक लिस्ट हो जाने के कारण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है नई कंपनी द्वारा कार्य कराया जाना है जल्दी बातचीत कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता