गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा कि हम उन्हें दोबारा देखने की खो चुके थें उम्मीद, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर ली और हमें भेजी, इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ पहुंचा कुंभ मेला
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27 साल बाद मिला बिछड़ा हुआ परिजन
प्रयागराज (ब्यूरो डेस्क)। महाकुंभ में एक परिवार 27 साल बाद अपने बिछड़े हुए परिजन से मिला। परिवार ने अब उनके मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। उन्हें मान लिया था कि या तो वह इस दुनिया में नहीं है और या फिर वह किसी ऐसे स्थान पर चले गए हैं, जहां से वापस आना संभव नहीं है। हालांकि, दिल की किसी कोने में उनके मिलने की उम्मीद बाकी थी। यें मामला झारखंड के परिवार का है।
आपने अक्सर लोगों को एक दूसरे से मजाक करते सुना होगा. 'अरे कुंभ के मेले में बिछड़ गए थे क्या'. ठीक ऐसी ही कहानी झारखंड से सामने आई है. झारखंड के एक परिवार ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में 27 साल बाद अपने खोए हुए सदस्य को खोज निकालने का दावा किया है.
— AajTak (@aajtak) January 30, 2025
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अघोरी साधु बन गया हैं खोया हुआ सदस्य
परिवार ने बुधवार को दावा किया कि प्रयागराज में कुंभ मेले में उन्हें उनका खोया हुआ एक परिजन मिल गया है। इसके साथ ही उनकी 27 साल से जारी परिजन की तलाश अब समाप्त हो गई है। खोए हुए परिजन गंगासागर यादव अब 65 वर्ष के हैं। वह अघोरी साधु बन गए हैं। अब उनका नाम बाबा राजकुमार है।
1998 में लापता हो गए थें गंगासागर
उनके परिवार ने बताया कि 1998 में पटना की यात्रा के बाद गंगासागर लापता हो गए थे। उनकी पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों कमलेश और विमलेश की अकेले परवरिश की।
तस्वीर देखने के बाद कुंभ मेला पहुंचा परिवार
गंगासागर के छोटे भाई मुरली यादव ने कहा कि हम उन्हें दोबारा देखने की उम्मीद खो चुके थे, लेकिन कुंभ मेले में गए हमारे एक रिश्तेदार ने गंगासागर जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति की तस्वीर ली और हमें भेजी। इसके बाद मैं, धनवा देवी और उनके दो बेटों के साथ कुंभ मेला पहुंचा।
पहचान स्वीकार करने से किया इनकार
मेले में पहुंचने पर परिवार का सामना बाबा राजकुमार से हुआ, लेकिन उन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने वाराणसी का साधु होने का दावा किया। उन्होंने और उनकी साध्वी साथी ने पूर्व के किसी भी संबंध से इनकार किया।
घुटने पर चोट के हूबहू मिलें निशान
हालांकि, परिवार अपने दावे पर अड़ा रहा, क्योंकि बाबा राजकुमार पूरी तरह से गंगासागर यादव से मिलते जुलते हैं, यहां तक कि उनके माथे और घुटने पर चोट के हूबहू वैसे ही निशान मिलें, जो गंगासागर यादव के थे।
महाकुंभ मेले के अंत तक करेंगे इंतजार
मुरली यादव ने कहा कि हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे। अगर जरूरी हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे। यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे। इस बीच परिवार के कुछ सदस्य घर लौट आए हैं, जबकि अन्य अभी मेले में ही हैं तथा बाबा राजकुमार और साध्वी पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं।
रिपोर्ट- प्रयागराज ब्यूरो डेस्क