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Big Breaking: विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए अब आया केन्द्र का यें नया प्लान, District स्तर पर शुरू होगी यें मुहिम, जानें पूरी योजना

बनेंगे शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र, अगले पांच सालों में नौ हजार करोड़ से अधिक होंगे खर्च, सरकारी व निजी स्कूलों के प्रदर्शन पर रखेंगे नजर, खराब प्रदर्शन पर शिक्षकों को देंगे प्रशिक्षण, मौजूदा समय में देश के 613 जिलों में काम कर रहे हैं डायट

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शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की मुहिम

नई दिल्ली (ब्यूरो डेस्क)। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की मुहिम अब जिलों से शुरू होगी। प्रत्येक जिले में मौजूदा जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को इसका जिम्मा सौंपा गया है, जो न सिर्फ जिले के प्रत्येक स्कूल के प्रदर्शन पर नजर रखेंगे, बल्कि प्रदर्शन मानक से खराब होने पर वह उन स्कूलों के संबंधित विषय के शिक्षकों को नए सिरे से प्रशिक्षण भी देगा।

प्रत्येक डायट पर 15-15 करोड़ रुपए होंगे खर्च

इसके लिए प्रत्येक डायट का उन्नयन होगा और उन्हें उत्कृष्ट केंद्र के रूप में नामित किया जाएगा। इस दौरान अगले पांच सालों में प्रत्येक डायट पर 15-15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) पर तेजी से अमल में जुटे शिक्षा मंत्रालय ने नीति की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए देश भर के डायट को उत्कृष्ट केंद्र के रूप में गढ़ने का दिशा में काम शुरू कर दिया है।

नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक होंगा खर्च

इसके तहत अगले पांच सालों में नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। वहीं देश भर के डायट को वर्ष 2028 तक संवारने का लक्ष्य भी रखा है। डायट इस दौरान जिले में मौजूदा सरकारी और निजी दोनों स्कूलों को बेहतर बनाने को लेकर काम करेगा। वैसे भी डायट के पास मौजूदा समय में जिम्मा शिक्षकों के प्रशिक्षण का ही है, लेकिन अब स्कूलों के प्रदर्शन के आधार पर भी शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का अभियान चलाएगा।

शिक्षकों को दिया जाएंगा प्रशिक्षण

डायट इसके साथ ही अब जिले में एनईपी के अमल को भी देखेगा, जिसमें वह स्कूलों के लिए आ रही नई पुस्तकों को पढ़ाने के तरीके आदि को लेकर भी शिक्षकों को प्रशिक्षण देगा। वैसे भी स्कूली शिक्षा के नए ढांचे के तहत अब तक बाल वाटिका से लेकर पहली, दूसरी, तीसरी और छठी कक्षा की नई पाठ्य पुस्तकें आ चुकी है।

672 जिलों में डायट खोलने की दी मंजूरी

अगले सत्र तक चौथी, पांचवीं, सातवीं व आठवीं की भी नई पाठ्य पुस्तकें आ जाएंगी। यह पाठ्य पुस्तकें एनईपी की सिफारिशों के तहत तैयार की गई है। वैसे तो देश के 672 जिलों में डायट को खोलने की मंजूरी दी गई है, लेकिन अभी इनमें से 613 जिलों में ही यह संस्थान काम कर रहे है।

डायट का कुछ इस तरह होगा उन्नयन

इस मुहिम के तहत प्रत्येक डायट को अत्याधुनिक संसाधनों से पूरी तरह से लैस किया जाएगा, जिसमें आधुनिक कक्षाएं, पुस्तकालय, मानिटरिंग डैश बोर्ड आदि होगा। साथ ही इनमें मैनपावर को भी मजबूत किया जाएगा। इन संस्थानों में शोध की एक शाखा भी स्थापित की जाएगी। प्रत्येक राज्य के सभी डायट राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निगरानी में काम करेंगे। जो डायट के प्रदर्शन के आधार पर हर साल उनकी रैंकिंग भी जारी करेगा।

रिपोर्ट- नई दिल्ली ब्यूरो डेस्क

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