टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोन, सीजी पावर और केनेस टेक्नोलॉजीज भी 1.52 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट के साथ भारत में सेटअप कर रहीं हैं सेमीकंडक्टर यूनिट्स
![]() |
खबरें आजतक Live |
मुख्य अंश (toc)
कंपनी ने डिजाइन किए कई सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स
नई दिल्ली (ब्यूरो, डेस्क)। फेबलेस चिप कंपनी एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज आने वाले दो सालों के अंदर सेमीकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर सकती है। कंपनी ने कई सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स डिजाइन किए हैं। पीटीआई से बात करते हुए एलएंडटी सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज के सीईओ संदीप कुमार ने कहा कि कंपनी अलग-अलग सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजीज के लिए 50 मिलियन डॉलर से 1 बिलियन डॉलर की रेंज में रेवेन्यू हासिल करने के बाद अपने चिप मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स सेटअप करेगी।
अगले 6 महीनों में हों जायेगी पूरी टीम तैयार
उन्होंने आगे कहा कि कंपनी लगभग 15 अलग-अलग प्रोडक्ट्स को एक साथ ऑपरेट करने के लिए टीमें बना रही है और वह इस सफर के आधे रास्ते पर पहुंच चुकी है। संदीप ने कहा कि अगले 6 महीनों में हमारी पूरी टीम तैयार हो जाएगी। इस साल के अंत तक हम 15 प्रोडक्ट्स डिजाइनों को एक साथ संभालने के काबिल हो जाएंगे।
साल के अंत तक लॉन्च हो जाएंगे और प्रोडक्ट्स
फिलहाल, हमारी आधी टीम तैयार है, इसलिए लगभग 6 प्रोडक्ट्स डिजाइन पहले ही शुरू हो चुके हैं। ये डिजाइन अगले साल के अंत तक लॉन्च हो जाएंगे और प्रोडक्ट्स आज से दो साल बाद शुरू होगा। उन्होंने कहा कि फेबलेस चिप कंपनी के रूप में शुरुआत करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इससे देश की विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगी।
लीडिंग कंपनियों से बात कर रही है L&T
संदीप कुमार ने कहा कि सेमीकंडक्टर प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए एलएंडटी इस स्पेस की कई लीडिंग कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है और हाल ही में उसने आईबीएम के साथ भी एक पैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पैक्ट के तहत आईबीएम एडवांस्ड प्रोसेसर डिजाइन करने के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट में सहयोग करेगी।
कंपनी के काम में शामिल हों सकते हैं यें सेगमेंट
इस काम के दायरे में एज डिवाइसों और हाइब्रिड क्लाउड सिस्टम्स के लिए प्रोसेसर डिजाइन के साथ-साथ मोबिलिटी, इंडस्ट्रियल, एनर्जी और सर्वर जैसे सेगमेंट शामिल हो सकते हैं। कंपनी ऐसी चिप्स पर भी काम करेगी, जिनका इस्तेमाल मोबाइल फोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स सहित कई जगह किया जा सकेगा। संदीप कुमार ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए सिलिकॉन कार्बाइड और गैलियम नाइट्राइड नाम से दो अन्य प्रोसेसर्स हैं. सिलिकॉन कार्बाइड का इस्तेमाल पावर एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए जबकि गैलियम नाइट्राइड चिप्स का इस्तेमाल वायरलेस प्रोडक्ट्स और बिजली के लिए किया जा रहा है।
ये कंपनियां भी हैं इस रेस में
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, माइक्रोन, सीजी पावर और केनेस टेक्नोलॉजीज भी 1.52 लाख करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट के साथ भारत में सेमीकंडक्टर यूनिट्स सेटअप कर रही हैं। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स एकमात्र ऐसी कंपनी है, जो देश के पहले बड़े वेफर फैब्रिकेशन प्लांट सहित दो यूनिट्स सेटअप कर रही है। इसके अलावा, टावर सेमीकंडक्टर 83,000 करोड़ रुपए के प्रस्तावित निवेश के साथ एक अन्य चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट सेटअप करने के लिए अदाणी ग्रुप के साथ मिलकर काम कर रही है। एचसीएल और फॉक्सकॉन ने भी सेमीकंडक्टर प्लांट सेटअप करने का प्रपोजल सबमिट किया है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली बाजार डेस्क