"पैसों के लालच में परिजनों से कर दी शादी, 555 जोड़ों की शादी में 200 से अधिक शादियां फर्जी, चार लाभार्थी तो ऐसे हैं, जिन्होंने बुआ के बेटों से दिखाई है अपनी बेटियों की शादी"
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बुलंदशहर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी में सामूहिक विवाह में अजब गजब फर्जीवाड़े के मामले सामने आए थे। अब श्रम विभाग में श्रमिकों की बेटियों की शादी अनुदान योजना में हुए फर्जीवाड़े को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जांच के दौरान सामने आया है कि कई संदिग्ध जोड़े गाजियाबाद विवाह समारोह में भी नहीं पहुंचे थे। इसके बावजूद इनके खातों में 75 हजार रुपये की अनुदान राशि भेज दी गई। जिन लड़कियों के विवाह हुए हैं उनके दूल्हों का अब कोई पता नहीं हैं। जांच समिति के अनुसार जिन लड़कों से शादी हुई जब उनके पते खंगाले गए तो वहां कोई नहीं मिला न ही उस नाम का व्यक्ति गांव में है। एक षड़यंत्र के तहत फर्जी दूल्हे तैयार कर वर-वधू के फेरे कागजों में दिखा गए हैं। करीब 16 जोड़े अपात्र बताए जा रहे हैं, जिन पर 12 लाख की रिकवरी निकल रही है। वहीं मामले में जांच शुरू होने के बाद से सभी दूल्हे फरार चल रहे हैं। अपात्र लाभार्थियों के सभी प्रमाण पत्र भी फर्जी पाए गए हैं। एक ही प्रमाण पत्र पर नाम बदल बदलकर लगा दिए। शादी अनुदान योजना में 75 हजार रुपये लेने के लिए कई लाभार्थियों ने तो अपने रिश्तेदारों से बेटियों की शादी करा दीं। कई मामलों में जिनसे शादी दिखाई है। उन्हें पता तक नहीं है कि उनकी शादी हो चुकी है। चार लाभार्थी तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी बेटियों की शादी बुआ के बेटों से दिखाई है, और वह दूसरे गांव के हैं। विभाग के सत्यापनकर्ताओं ने ऑनलाइन आवेदन कराने के बाद आंखें मूंदकर उन्हें सत्यापित कर दिया है।
शुरूआत में जब एक अकाउंट अफसर ने जांच के लिए कहा तो ग्राम प्रधान द्वारा उसे धमकाया गया और शासन में शिकायत करने की बात कही थी। श्रम विभाग द्वारा बुलंदशहर में कुल 555 जोड़ों की शादी कराई गई है। इसमें करीब 200 लोग ऐसे बताए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अपात्र हैं और वह श्रम विभाग में मजदूर बन गए। 56 जोड़ों की शादी की सूची सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थी, मगर इसकी जांच अभी तक नहीं हो सकी है, केवल 21 जोड़ों की जांच हुई है। सीडीओ ने बताया कि इनकी जांच भी चल रही है। सीडीओ कुलदीप मीना के अनुसार जांच में फर्जी लाभार्थी पाए गए हैं, तीन से श्रम विभाग ने रिकवरी कर ली है। सात जोड़े अभी और फर्जी मिले हैं और नौ संदिग्ध हैं। करीब 12 लाख की रिकवरी है। मामले में जांच जारी है, जो अपात्र होंगे उनसे रिकवरी होगी और कार्यवाही भी जाएगी। पात्र लाभार्थियों को ही योजना में शामिल किया जाएगा। वहीं हापुड़ में डीएम ने पूरे मामले की दोबारा से जांच करने के आदेश दिए है। मुख्य विकास अधिकारी प्रेरणा सिंह ने बताया कि जांच के दौरान कई शादी के जोड़े कागजों में लिखित पते पर नहीं मिले हैं। हालांकि श्रम विभाग की सहायक कमिश्नर सर्वेश कुमारी का कहना है कि 6 या 7 मामले सामूहिक विवाह योजना में गलत मिले हैं। डीएम प्रेरणा शर्मा ने बताया कि जांच में फर्जी पाए गए लोगों से रिकवरी के आदेश कर दिए है। जो जोड़े अपने पते पर नहीं मिल पाए हैं। उनके लिए फिर से जांच के आदेश दिए हैं।
रिपोर्ट- बुलंदशहर ब्यूरो डेस्क