"कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता हैं करवा चौथ का व्रत, नई नवेली दुल्हन के लिए यह व्रत का उद्यापन करने में कई ग्रह गोचर को शुभ नहीं होने के कारण इस पर होगी मायूसी"
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। हिन्दू धर्म में करवा चौथ का व्रत सौभागवती महिलाए करती है। यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता हैं। इस वर्ष यह त्योहार 13 अक्तूबर 2022 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस बार नई नवेली दुल्हन के लिए यह व्रत का उद्यापन करने में कई ग्रह गोचर को शुभ नहीं होने के कारण इस पर मायूसी रहेगी। इस बार इस व्रत को शुक्र अस्त का प्रभाव ज्यादा रहेगा। इसलिए नई नवेली दुल्हन इस साल व्रत की शुरुआत करने के अवसर से वंचित रहेगी। क्योंकि वैभव, प्रेम, सुंदरता, कामुकता तथा वैवाहिक सुख देने वाला शुक्र ग्रह 1 अक्टूबर से अस्त है, जो 20 नवंबर तक रहेंगा। शुक्र के अस्त होने से स्त्री तथा पुरुष में वैभव, सुख, धन, सुंदरता और दांपत्य जीवन पर प्रभाव डालता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शुक्र और गुरु अस्त हो जाते है तो कोई भी शुभ कार्य करने से वंचित रखा जाता है।
जैसे नए घर का पूजन, मुंडन, विवाह व नए कार्य का प्रारंभ, व्रत का उद्यापन शुक्र और गुरु के अस्त होने तक शुभ कार्यों को नियमतः बंद कर दिया जाता है। इसलिए जो महिलाएं पहली बार इस व्रत को रखने की इच्छुक वह इस बार इस व्रत को नहीं करे तो उत्तम रहेगा। इस बार 13 अक्टूबर को मनायें जाने वाले करवा चौथ त्योहार पर सभी सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शाम को एक जगह एकत्रित होकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं और रात को चांद के दीदार करते हुए उपवास तोड़ती हैं। हालांकि इस बार शुक्र के अस्त होने के कारण सिर्फ वही सुहागिन व्रत कर सकती हैं, जो पहले से करवा चौथ का व्रत कर रही हैं। वही महिलाए इस बार व्रत करेगी। करवा चौथ, ज्योतिष, वास्तु एवं रत्नों से जुड़ें जटिल समस्याओं व उचित परामर्श के लिए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा से 8080426594 व 9545290847 पर सम्पर्क कर समस्याओं से निदान व उचित परामर्श प्राप्त कर सकतें हैं।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क