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कैसे लगता है सूर्य ग्रहण, गर्भवती महिलाओं पर क्या पड़ता हैं इसका असर, साथ ही जानें आपके शहर में क्या होगा सूर्य ग्रहण का समय

"ग्रहण एक प्राकृतिक का होता है एक अद्भुत चमत्कार, ग्रहण वही समय होता है, जब ब्रह्मांड में होती है अनेक अद्भुत घटनाएं घटित, इस बारें मे विस्तार से बता रहें हैं ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा"

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नई दिल्ली (ब्यूरो)। दीपावली के अगले दिन तड़के ही इस बार सूर्य ग्रहण के सूतक लग जाएंगे। इसलिए इस त्योहार का असर दीपावली पूजा पर भी पड़ेगा। ऐसे में इस बारें में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए प्रख्यात ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा नें बताया कि ग्रहण एक प्राकृतिक का अद्भुत चमत्कार होता है। ज्योतिष दृष्टिकोण से देखा जाये तो यह अद्भुत अनोखा तथा विचित्र ज्ञान है, जो ग्रह उपग्रह की गतिविधियों को दर्शाता है। ग्रहण वही समय होता है, जब ब्रह्मांड में अनेक अद्भुत घटनाएं घटित होती है, जैसे की नये नये तथ्यों की जानकारी प्राप्त होती है। जब चंद्रमा, पृथ्वी सूर्य के नजदीक से होकर गुजरता है। तब पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण या कही पर आंशिक दिखाई देता है, जब सूर्य को पूर्ण रूप से चंद्रमा आन्चित कर लेता है। उस दिन को पूर्ण सूर्यग्रहण कहते है। भारतीय ज्योतिष में सूर्य ग्रहण लगने के कई नियम होतें है। इस दिन चंद्रमा की डिग्री शुन्य होना चाहिए यानि अमावस्या होनी चाहिए। चन्द्र और राहू या केतु के रेखा नजदीक होनी चाहिए ऐसी समय में कुछ समय के लिए चंद्रमा सूर्य का छाया कुछ देर के लिए अपनी छाया में रखता है। पुराणों की मान्यता के अनुसार सूर्य केतु को ग्रसता है। ये ग्रह चंद्रमा और सूर्य की छाया में चलते है। भारतीय ज्योतिष में सूर्य ग्रहण के समय नेत्र में परेशानी होती है। हड्डी में दर्द व शिशु अंगहीन हो जाता है।

गर्भवती महिला को गर्भपात होने की संभावना बनी रहती है, जब ग्रहण लगे तो गर्भवती महिला सिलाई कढाई नहीं करे तो उत्तम रहता है, क्योकि ग्रहण पेट में पल रहे बच्चे पर काफी प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए गर्भवती महिला के पेट पर तुलसी का लेप लगाये तथा गाय के गोबर का लेप लगा सकते है। बनारस मे ग्रहण के समय के बारे में ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा बताते हैं कि बनारस में ग्रहण समय 25 अक्टूबर 2022 दिन मंगलवार को ग्रहण प्रारंभ काल संध्या काल में 04:40 मिनट पर होगा। वहीं समाप्ति सूर्यास्त काल के साथ ही होगा। ग्रहण काल का पूरा अवधि 45 मिनट रहेगा। सूतक का प्रारंभ समय सुबह 02:52 मिनट पर व सूतक समाप्त 05:22 संध्या काल में होगा। बीमार लोग, बच्चे, बूढ़े लोग व गर्भवती महिलाओं का सूतक का समय प्रारंभ दोपहर 11:42 से होगा, जबकि सूतक का समाप्त समय 05:22 संध्या काल में होगा। ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि सूर्यग्रहण के मोक्ष होने के बाद ही आप गंगा स्नान करे। साथ ही दान-पुण्य करे, तो उत्तम फल की प्राप्ति होगी। ज्योतिष, वास्तु एवं रत्नों से जुड़ें जटिल समस्याओं व उचित परामर्श के लिए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा से 8080426594 व 9545290847 पर सम्पर्क कर समस्याओं से निदान व उचित परामर्श प्राप्त कर सकतें हैं।

रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क

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