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Ballia News: जिले में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत बड़ें पैमाने पर चलाया जा रहा दस्तक अभियान, इन बाड़ों की भी हो रही है सतत निगरानी

"टीमें करा रहीं दवा का छिड़काव, कोविड टीबी, कालाजार लक्षण युक्त मरीजों की भी हो रही है खोज, अभियान मे आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर घर जाकर जान रही है लोगों की सेहत का हाल"

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बलिया (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। जनपद में 16 जुलाई से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत दस्तक अभियान शुरु किया गया है। इसी क्रम में गुरुवार को जिला मलेरिया अधिकारी के कार्यालय में समस्त ब्लॉकों के बाल विकास परियोजना अधिकारियों का संचारी रोगों एवं कालाजार से बचाव के बारे में संवेदीकृत किया गया। इस अभियान मे आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों की सेहत का हाल जान रही है। इस दौरान वह कोविड के लक्षण युक्त मरीजों, टीबी लक्षण युक्त मरीजों, कालाजार लक्षण युक्त मरीजों, अति कुपोषित बच्चों की भी खोज कर रही है साथ ही सूअर बाड़ों की भी सतत निगरानी हो रही है और टीमें दवा का छिड़काव करा रहीं हैं। यह जानकारी जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने दी। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर घर जाकर समुदाय को कोविड-19, डेंगू, मलेरिया, एईएस/जेई, कालाजार, फाइलेरिया आदि मच्छर जनित व संचारी रोगों से बचाव के लिए बेहतर व्यवहार को अपनाने के लिए जन जागरूक कर रही है। गृह भ्रमण के दौरान प्रमुख जगह पर पोस्टर, स्टिकर लगाकर तथा स्वास्थ्य केंद्र पर होने वाली गतिविधियों में सहयोग कर रही है। जैसे मातृ समूह की बैठक आयोजित करना। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति की बैठक का आयोजन तथा पेयजल को साफ करने के लिए क्लोरिनेशन डेमो का आयोजन कर रही है।

बुखार, खांसी, बलगम इत्यादि लक्षण युक्त व्यक्तियों की सूचना प्राप्त होने पर उस व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर लिखकर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध करा रही है। दस्तक अभियान के तहत अभी तक खोजे गए लक्षण युक्त मरीजों का विवरण निम्न है। कोविड लक्षण युक्त व्यक्तियों की संख्या 219, टी बी लक्षण युक्त व्यक्तियों की  संख्या 216, मलेरिया लक्षण युक्त व्यक्तियों की संख्या 205, कालाजार लक्षण युक्त व्यक्तियों की संख्या 193 अति कुपोषित बच्चों की संख्या 46 है। वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ० अभिषेक मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के कई जिलों में सूअरों में जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेई) की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग पशुपालन विभाग के सहयोग से सूअर पालकों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें ऐसे गांव का भ्रमण कर जागरूकता के साथ ही दवा का छिड़काव करा रही हैं, जिनमे सूकर बाड़े संचालित हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद में कुल आठ सुअर जेई धनात्मक पाए गए हैं, जिनमे से तीन की मृत्यु हो गई हैं, जिनका समुचित निस्तारण पशु पालन विभाग द्वारा कर दिया गया हैं। संबंधित ग्रामो मे पशुपालन विभाग द्वारा सुअर पालकों को अन्य व्यवसाय हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिले के 940 ग्राम पंचायतों में लगभग 631 लोग सुअर पालन कारोबार में लगे हुए हैं। प्रदेश के कई जनपदों में एक साथ बड़ी संख्या में सुअरों की मौत के बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है।

रिपोर्ट- बलिया डेस्क

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