"फूलों की नगरी कहे जाने वाले नगर की सड़कों पर बड़ें पैमाने पर फैले अतिक्रमण को नहीं हटवा पा रहा है आदर्श नगर पंचायत व स्थानीय शासन प्रशासन"
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। सिकन्दरपुर नगर को कभी फूलों व खुशबुओं की नगरी के नाम से जाना पहचाना जाता है। लेकिन आज के दौर में यें फूलों की नगरी अतिक्रमण की नगरी बनकर रह गई है। आदर्श नगर पंचायत व स्थानीय शासन प्रशासन फूलों की नगरी कहे जाने वाले नगर की सड़कों पर बड़ें पैमाने पर फैले अतिक्रमण को नहीं हटवा पा रहा है, या यें कहें कि नगर पंचायत व शासन प्रशासन भी अतिक्रमणकारियों के सामनें बेबस व लाचार होकर अपने घुटने टेक दिए हैं। ताजा हालात यह है कि नाली, फुटपाथ और सड़क के एक हिस्से पर अतिक्रमण होने से लोग सड़क के बीचों बीच चलने को मजबूर हैं। मुख्य बाजार मार्ग पर अतिक्रमणकारियों के बढ़ते हौसले की बात करें तो मुख्य बस स्टैंड चौराहें से लेकर जल्पा चौक तक बने डिवाइडर के दोनों तरफ ठेलें पर अपनी दुकानें सजाए बैठे हैं। रही सही कमी दो पहिया व चार पहिया वाहन स्वामी मार्ग के बीचो-बीच अपना वाहन खड़ा कर पूरा कर देते हैं। ऐसे में जहां मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित हो रहा है, वहीं बाजार में सामान खरीदने आ रहे लोगों के दुुर्घटना के शिकार होने की आशंका बनी रहती है।
अब नगर में मुख्य बाजार की स्थिति यह है कि दुकानदारों द्वारा नालियों के ऊपर तक सामान लगाने के साथ ही दुकानों के आगे तीन से पांच फीट तक सामान लगा दिया जाता है। इससे बाजारों में सामान खरीदने आने वाले लोगों को बीच सड़क पर चलना पड़ रहा है। घोर अतिक्रमण के लिहाज से सबसे बुरा हाल मुख्य बाजार मार्ग, मुख्य बस स्टैण्ड चौराहा व बेल्थरा रोड मार्ग का हैं। वहीं मनियर मार्ग व पुलिस चौकी मार्ग पर भी दुकानदारों द्वारा सड़कों पर सामान लगाया जा रहा है, जिससे बाजार में आने वाले राहगीर परेशान हो रहे हैं। ज्ञात हो कि मुख्य बस स्टैण्ड चौराहे से जाने वाले बेल्थरा मार्ग, मनियर मार्ग व बलिया मार्ग पर लगभग तीन सौ मीटर तक का मार्ग घोर अतिक्रमण का शिकार हैं, रोड के दोनों तरफ ठेलों वालों का अंबार लगा हुआ है, जिसके चलतें आने जाने वाले मुसाफिर भी बड़े घटनाओं का शिकार हो जाते है, अतिक्रमण का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि इन मुख्य मार्गों पर दोनों साइड से बड़े वाहन आ जाये तो जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं, पर शासन प्रशासन द्वारा इसका पूर्ण रूप से निराकरण कब किया जायेगा बताना मुश्किल होगा। तब तक ना जाने कितने और लोग अतिक्रमण के चलते इन घटनाओं की बलि चढ़ेंगे।
अतिक्रमणकारियों में शासन प्रशासन व नगर पंचायत के दिशा निर्देशों का भी कोई डर भय नहीं रह गया है, जिसके चलते अतिक्रमण करने वाले बेतरतीब तरिके से सड़कों के ऊपर अपना निरंतर अतिक्रमण जारी रखें हुए है। अतिक्रमण के चलते आए दिन छोटी बड़ी घटना, दुर्घटना होना यहां के लिए आम बात हो गई है। यदि समय रहते इस मुद्दे पर गंभीरता से सार्थक पहल नहीं किया गया तो अतिक्रमण की समस्या नासूर बनकर विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इन अतिक्रमणकारियों के हौसले किसके शह पर इतने बुलंद हैं। या यह मान लिया जाए कि आदर्श नगर पंचायत व सिकन्दरपुर के शासन प्रशासन ने अपने आंखों व मुंह पर पट्टी बांध रखी है। इस संबंध में जब आदर्श नगर पंचायत सिकन्दरपुर के अधिशासी अधिकारी अरुण कुमार यादव से संपर्क किया गया तो उनका मोबाइल नंबर 9455471477 स्विच ऑफ था। वही जब उप जिलाधिकारी प्रशांत नायक से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनके अर्दली द्वारा यह जानकारी दी गई कि सर अभी कोर्ट के कार्यों में व्यस्त है।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता