"डॉक्टर और कर्मचारियों ने लापरवाही की पार की सारी हदें, परिवार ने लगाया लापरवाही का आरोप"
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मुरादाबाद (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। सूबे के मुरादाबाद में अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारियों ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दीं। हॉस्पिटल में एक युवक को मरा घोषित कर मुर्दाघर में रख दिया। सुबह मोर्चरी पर मौजूद सिक्योरिटी गार्ड ने उसकी सांसें चलती देखी, जिसके बाद उसने डॉक्टर को सूचित किया। आनन-फानन में युवक को दोबारा जिला अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। युवक के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टर्स और कर्मचारियों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना हैं कि डॉक्टर द्वारा मरीज को सही से चेक किया गया था, जिसमें मरीज मृत डॉक्टर के द्वारा घोषित किया गया। ऐसे में मरीज का पहले निजी अस्पतालों में इलाज चला है। उसको इनक्यूबेटर दिया गया था। ऐसे में रेयर टू रेयरेस्ट केस में मरीज की सांसें दोबारा चल जाती हैं। मिली जानकारी के मुताबिक मझोला थाना इलाके के रहने वाला श्रीकेश देर रात घर से निकले थे। सड़क पार करते समय उनका एक्सीडेंट हो गया। परिवार वालों को खबर मिली की इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसको मृत घोषित कर दिया। परिजन शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए देर रात में ही शव को लेकर जिला अस्पताल आ गये। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने भी श्रीकेश का चेकअप कर मृत घोषित कर दिया। शव को मोर्चरी में रखवा दिया। शुक्रवार सुबह युवक की सांसें चल रही थीं। आनन-फानन में उसे दोबारा जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया।
रिपोर्ट- मुरादाबाद डेस्क