Left Post

Type Here to Get Search Results !

पर्व: पुत्र के सुख, स्वास्थ्य व दीघार्यु की कामना संग गोद भरने की मनौती के साथ महिलाओं ने रखा जीवित्पुत्रिका व्रत, जानें व्रत की खास बातें

"दिन भर निराजल और निराहार रहते हुए शाम को किया व्रत का पूजन, पुत्र क्षय व पुत्र विहिन रही महिलाओं ने पुत्र की प्राप्ति के लिए मांगी मनौती"

खबरें आजतक Live

पचखोरा (बलिया, उत्तर प्रदेश)। पुत्र के सुख, स्वास्थ्य व दीघार्यु की कामना संग गोद भरने की मनौती के साथ महिलाओं ने बुद्धवार को जीवित्पुत्रिका व्रत रखा। दिन भर निराजल और निराहार रहते हुए शाम को व्रत का पूजन किया। अश्विनी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को घरों में आस्था का मेला ब्रह्म मुहूर्त से आरंभ होने के साथ सूर्यास्त तक चलता रहा। पुत्र क्षय व पुत्र विहिन रही महिलाओं ने पुत्र की प्राप्ति के लिए मनौती मांगी। जिन महिलाओं की मनौती पूरी हो चुकी थी। वह गाजे बाजे के साथ जिवित्कापुत्रिका व्रत का संकल्प पूरा किया। जिवित्कापुत्रिका व जिउतिया पूजन की तैयारी एक दिन पहले से आरंभ हो गई थी। महिलाओं ने सबसे पहले व्रत का संकल्प लिया और फिर पूजा में जुट गई। व्रती महिलाओं ने घरों में ही सुन्दर मंडप बनाया। पूजा मंडप में हल्दी व आटे का ऐपन से गोट बनाया गया। इसके चारो तरफ व्रती महिलाएं बैठ गई। किसी जगह पर वैदिक ब्राह्मण तो कहीं पर बुजुर्ग महिलाओं ने व्रत की कथा सुनाई। इसके बाद पूजा मंडप में आठ प्रकार की पूजन सामग्री चढ़ाई गई। सोने और चांदी की जिउतिया को पिरोया गया और उसकी पूजा-अर्चना के साथ आरती की गई। इसके बाद महिलाओं ने संतान की दीर्घायु व आरोग्य के लिए देवी मां से प्रार्थना की।

रिपोर्ट- संवाददाता भगवान सिंह

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Image     Image     Image     Image

Below Post Ad

••••••••••••••••••••••••••••••••••••

--- इसें भी पढ़ें ---

    1 / 6
    2 / 6
    3 / 6
    4 / 6
    5 / 6
    6 / 6