"शोक सभा में राष्ट्रीय स्वयं सेवकों द्वारा रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पांडे के लिए दो मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से की गई प्रार्थना"
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सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। स्थानीय नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवकों द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में राष्ट्रीय स्वयं सेवकों द्वारा रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पांडे के लिए दो मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। इस दौरान विनय राय ने कहा कि त्रिलोकी नाथ पाण्डेय छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। संघ के माध्यम से ही वे विहिप में भेजे गए और मंदिर आंदोलन के सहयोगी के रुप में उन्होंने छाप छोड़ी। आंदोलन के प्रति उनका समर्पण और उनकी समझदारी को देखते हुए पूर्व न्यायमूर्ति देवकीनंदन अग्रवाल के निधन के बाद दो दशक पूर्व उन्हें विहिप की ओर से अदालत में रामलला के सखा के तौर पर नामित किया गया। अंत में लालवचन तिवारी ने कहा कि त्रिलोकी नाथ पांडेय ने जीवनपर्यंत भगवान श्रीराम लला के साथ मित्रता निभाई। उत्तर प्रदेश के ही बलिया जिले के दया छपरा गांव में जन्मे पांडेय 1964 में ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संपर्क में आए। इस शोक सभा कार्यक्रम में भगवान पाठक, गणेश सोनी, अरविंद राय, दिनेश, अजय, पंकज, अतुल, विवेकानंद, वेद प्रकाश, विमलेश, पंकज, रंजीत, प्रदीप वर्मा आदि स्वयंसेवक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता