Left Post

Type Here to Get Search Results !

यूपी: आंगनबाड़ी की सलाह पर बच्चे को ले जाएं अस्पताल या एनआरसी, अभियान के दौरान कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों की होगी मदद

"जिले में एक जुलाई से शुरू हुआ ‘संभव’ अभियान दो अक्टूबर तक चलेगा, अभियान का उद्देश्य कम वजन, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की मदद"

खबरें आजतक Live

गोरखपुर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। जिले में एक जुलाई से ‘संभव’ अभियान शुरू हुआ है, जिसकी थीम है- पोषण संवर्धन की ओर एक कदम। इस अभियान का उद्देश्य कम वजन, कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की मदद करना है । दो अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान के दौरान जिले के 4172 आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़े ऐसे बच्चों की नियमित मॉनीटरिंग होगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) हेमंत सिंह का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मॉनीटरिंग के दौरान अगर बच्चे को अस्पताल ले जाने या पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) ले जाने की सलाह दें तो उनकी बात अवश्य मानें। श्री सिंह ने बताया कि 17 जून से 24 जून तक जिले में वजन सप्ताह मनाया गया था । इस सप्ताह में जो बच्चे कम वजन, कुपोषित और अति कुपोषित मिले हैं उनकी नियमित निगरानी संभव अभियान के दौरान होनी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश है कि वह साप्ताहिक तौर पर ऐसे बच्चों के घरों का भ्रमण करें और उन्हें पौष्टिक भोजन की सलाह दें। बच्चों के घर पोषाहार दिया जाए और पोषक तत्वों से भरपूर खानपान की जानकारी दी जाए।

जिन बच्चों की सेहत घरेलू देखरेख से ठीक नहीं हो पाएगी उन्हें अस्पताल पहुंचाया जाएगा। डीपीओ ने बताया कि पूर्व के अनुभव रहे हैं कि लोग बच्चों को अस्पताल ले जाने और पोषण पुनर्वास केंद्र तक ले जाने में लापरवाही करते हैं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सलाह नहीं मानते हैं। उनका यह व्यवहार बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए हितकर नहीं है। पोषण स्तर में सुधार के लिए बच्चे की स्वास्थ्य जांच, सही उपचार और आवश्यकता पड़ने पर एनआरसी भेजा जाना आवश्यक है। यह अभियान तभी सफल होगा जब पूरी तरह से सामुदायिक सहयोग प्राप्त होगा। संभव अभियान के तहत 20 से 25 सितम्बर तक फिर से वजन सप्ताह मनाया जाएगा। इस दौरान उन सभी बच्चों का वजन लिया जाएगा जो जून माह में कम वजन, कुपोषित और अति कुपोषित पाए गये थे। इससे यह पता चल सकेगा कि कितने बच्चों की सेहत में सुधार हुआ, जिन बच्चों की स्थिति नहीं सुधरेगी, उनके लिए नये सिरे से प्रयास किये जाएंगे। कुपोषण के मुख्य लक्षणों मे उम्र के अनुसार शारीरिक विकास न होना, हमेशा थकान महसूस होना, कमजोरी लगना, अक्सर बीमार रहना, खाने-पीने में रुचि न रखना ही कुपोषण के मुख्य लक्षण हैं।

सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों का निःशुल्क इलाज होता है। बच्चों का सही समय से इलाज होने से उन्हें टीबी, इंसेफेलाइटिस, कोविड जैसे तमाम बीमारियों से भी सुरक्षा मिलती है। चिकित्सक के स्तर से बच्चे के पोषण स्तर में सुधार के लिए उचित सुझाव मिलता है। आइए अब इन सुविधाओं को जानतें हैं। बीआरडी मेडिकल कालेज में एनआरसी का संचालन किया जा रहा है। एनआरसी में सभी सुविधाएं निशुल्क हैं। यहां बच्चों के इलाज के साथ भोजन और एक केयर टेकर को भी निःशुल्क भोजन मिलता है। भर्ती बच्चों को दोनों समय दूध और अंडा दिया जाता है। बच्चों के साथ रहने वाले अभिभावक को 100 रुपये रोजाना के हिसाब से श्रमह्रास के पैसे मिलते हैं। बच्चों को एनआरसी पहुंचाने पर आंगनबाड़ी को एक बार 50 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। केंद्र में प्रशिक्षित चिकित्सक और स्टाफ नर्स बच्चों की देखभाल करते हैं।

रिपोर्ट- गोरखपुर डेस्क

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---