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यूपी: ड्यूटी के दौरान बैरक मे संदिग्धावस्था मे इस सीआरपीएफ जवान की हुई मौत, बलिया जिले के इस पैतृक गांव मे पहुंचा शव, मचा कोहराम

"सीआरपीएफ मे तैनात जवान के संदिग्धावस्था मे बैरक में मृत मिलने के बाद शुक्रवार की देर शाम शव उनके पैतृक गांव पहुंचते ही परिवार सहित पूरे गांव में मचा कोहराम"

खबरें आजतक Live

सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। तहसील क्षेत्र के उकछी गांव निवासी सीआरपीएफ मे तैनात जवान के संदिग्ध परिस्थितियों मे बैरक में मृत मिलने के बाद शुक्रवार की देर शाम शव उनके पैतृक गांव पहुंचते ही परिवार सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिवार का रूदन क्रंदन देखकर गांव वालों के आंखों मे भी आंसू आ गया। वहीं शनिवार की सुबह जवान के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार गांव के ही शमशान घाट पर किया गया। मृतक जवान अपनें पीछें अपनी मां, पत्नी समेत 4 बच्चों को छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए। जानकारी के अनुसार उकछी गांव निवासी शिवकांत प्रसाद पुत्र स्व० रामजश खरवार दुर्गापुर में सीआरपीएफ में कार्यरत हैं। वह एक माह की छुट्टी पर घर आए थे। जून माह की 26 तारीख को ही वह दुर्गापुर के लिए रवाना हो गए। 27 जून को दुर्गापुर पहुंचने के बाद कोरोना महामारी के मद्देनजर विभाग द्वारा उन्हें बटालियन 207 मे क्वारंटीन कर दिया गया था। सब कुछ ठीक ही चल रहा था, इसी बीच 30 जून की दोपहर 3 वजें संदिग्ध परिस्थितियों मे बैरक के अंदर शिवकांत प्रसाद का शव मिलने के बाद हड़कंप मच गया।

विभागीय कार्रवाई के उपरांत शिवकांत प्रसाद का शव 2 जुलाई की देर शाम उनके पैतृक गांव उकछी पहुंचा। बताते चलें कि मृतक जवान शिवकांत प्रसाद ने सन् 2003 मे सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। फिलहॉल मे मृतक जवान सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन- 66 दुर्गापुर मे तैनात थे। संदिग्ध परिस्थितियों मे हुई सीआरपीएफ जवान के मौत से हर कोई स्तब्ध हैं। सबकी जुबान पर बस एक ही बात हैं, कि हसते खेलतें इस परिवार को कौन सी ऐसी नजर लग गई कि गांव से दुर्गापुर ड्यूटी ज्वाइन करने जानें के चार दिन बाद ही जवान की आकस्मिक मौत कैसे हो गई। मृतक जवान शिवकांत प्रसाद अपने पीछें माता विद्या देवी, पत्नी कल्पना देवी, तीन बच्चियां खुशी 14 वर्ष, शिवांगी 12 वर्ष, गुलगुल 9 वर्ष तथा एक पुत्र हिमांशु 6 वर्ष को अपनें पीछे छोड़ गए हैं। माता, पत्नी व बच्चों का रो रोकर बुरा हाल हैं। गांव के लोग व सगे संबंधी इस परिवार का ढा़ढस बढ़ाने मे लगें हैं। माता विद्या देवी छाती पीट पीट कर रोते हुए बस एक ही बात कह रहीं थी, कि हमसे क्या गलती हो गई की मेरा लाल असमय ही हमसे रूठकर चला गया। इस हृदय विदारक घटना से सभी परिवार के लोग सहमें हुए हैं।

रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता

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