"पश्चिम व ब्रज के जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार एक-एक सदस्य को दे रहें हैं 50-50 लाख रुपये और एक गाड़ी, पूर्वांचल में 30 लाख रुपये और एक गाड़ी में सदस्यों का समर्थन हासिल करने का कर रहें प्रयास"
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लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव पूरब से ज्यादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महंगा है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम व ब्रज के जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार एक-एक सदस्य को 50-50 लाख रुपये और गाड़ी तक दे रहे हैं। जबकि पूर्वांचल में 30 लाख रुपये और गाड़ी में सदस्यों का समर्थन हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, भाजपा में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में उम्मीदवार चयन के लिए अवध क्षेत्र में अंबेडकर नगर को छोड़कर शेष 12 जिलों में उम्मीदवारों पर मंथन पूरा हो गया है। भाजपा 15 जून के बाद प्रदेश स्तर पर उम्मीदवारों की सूची घोषित करेगी। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की अध्यक्षता में आयोजित अवध क्षेत्र की कोर कमेटी की बैठक में बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों पर मंथन किया गया।
जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारी की मौजूदगी में तीनों जिलों के दावेदारों की राजनीतिक पृष्ठभूमि, छवि, जातीय समीकरण और दावेदारों के पास उपलब्ध सदस्यों की संख्या बल के आधार पर चर्चा की गई। एक-एक दावेदार के नाम पर विचार विमर्श के साथ ही अवध क्षेत्र के उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया गया है। जानकारी के मुताबिक आगामी दिनों में प्रदेश स्तर पर पार्टी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल, चुनाव प्रभारी विजय बहादुर पाठक सहित अन्य पदाधिकारियों की बैठक में क्षेत्रों से मिले पैनल के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। भाजपा ने उम्मीदवार घोषित करने की पहली शर्त यही रखी है कि पार्टी अपनी ओर से खर्चा नहीं करेगी साथ ही दावेदार को पर्याप्त संख्या में सदस्यों का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। पार्टी की इस शर्त के बाद भी दावेदारों में सत्तारुढ़ दल से जुड़े रहने के लिए भाजपा के टिकट की दौड़ लगी है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में रोजाना पश्चिम से लेकर पूरब तक के जिलों से दावेदार टिकट के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
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