Left Post

Type Here to Get Search Results !

आखिरकार 13 साल बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर अपनें घर लौटा सोनू सिंह, फिर पिता ने पीएम मोदी को लेकर कह दी ये बड़ी बात

"शनिवार शाम एक स्पेशल ट्रेन से सोनू सिंह लौटा अपने घर ललितपुर, परिजनों के साथ-साथ श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ भी पहुंचे सोनू को लेनें"

खबरें आजतक Live
ललितपुर (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। ललितपुर रेलवे स्टेशन पर लोग फूल-माला लेकर खड़े थे। एक पिता की आंखें अमृतसर से आने वाली एक ट्रेन पर टिकी थीं। आंखों से खुशी के आंसू झलक रहे थे। कुछ ही क्षण में ट्रेन पटरियों पर आती दिखी। ट्रेन हॉर्न बजाते हुए जैसे-जैसे स्टेशन की ओर बढ़ रही थी, पिता की आंखों से आंसू की धारा बहने लगती है। क्योंकि 13 साल बाद उनके लाल की घरवापसी हो रही थी। वो भी ऐसी जगह से जहां से लौटना बेहद मुश्किल हो जाता है। जैसे ही गाड़ी स्टेशन पर रुकी, उसमें से उनका बेटा उतरता है, जिसे देख आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। पिता ने अपने जिगर के टुकड़े को सीने से लगा लिया। जिससे बेटे की आंखें भी भर आईं। लोगों ने भी जयकार के साथ उनके बेटे का स्वागत किया। क्योंकि सोनू नामक यह युवक 13 साल तक पाकिस्तान जेल में रहने के बाद सकुशल वतन लौटा था।

दरअसल, ललितपुर जिले के मड़ावरा तहसील के सतवांसा ग्राम निवासी सोहन सिंह उर्फ सोनू सिंह 13 साल तक पाकिस्तान जेल में प्रताड़ना झेलने के बाद भारत सरकार की पहल के बाद 26 अक्टूबर को रिहा होकर भारत वापस लौट आया था। उसे सरकारी कार्यवाही और कोरोना को देखते हुए अमृतसर के नारायणगढ़ के एक क्वारन्टीन सेंटर में रखा गया था। यहां सारी औपचारिक्ताओं को करने में करीब एक माह का समय लगा गया। शनिवार शाम को सोनू को लेने उसके परिजनों के साथ-साथ, श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ और ललितपुर जिले के सैकड़ों लोग स्टेशन पहुंचे थे। 13 साल बाद सकुशल अपने घर वापस लौटने पर सोनू सिंह काफी खुश नजर आ रहा था, लेकिन पाकिस्तान जेल में रहने के दौरान प्रताड़ित किये जाने की वजह से सोनू सिंह मानसिक रूप से कमजोर नजर आ रहा था। उसके बावजूद अपने पिता और परिजनों को पहचानते हुए उसने लोगों का स्वागत स्वीकार किया। क्योंकि सोनू को अपने वतन और गांव की याद पाकिस्तान की जेल में रहने के दौरान बनी रही। सोनू ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि उसे किस तरह से पाकिस्तान की जेल में प्रताड़ित किया गया और कैसे वह गलती से पाकिस्तान पहुंच गया।

बात करते हुये सोनू की मनोदशा को साफ साफ समझा जा सकता था कि आखिर उसके साथ पाक जेल में क्या हुआ होगा। सोनू ने बताया कि घर से जाने के बाद दिल्ली में काम करने लगा। एक दिन वह अमृतसर घूमने गया था। वहीं से वाघा बॉर्डर के रास्ते गलती से पाकिस्तान से पहुंच गया था। 13 साल की सजा पूरी होने के बाद सोनू सिंह 26 अक्टूबर 2020 को 4 अन्य भारतीय कैदियों के साथ पाकिस्तान की जेलों से रिहाई के बाद अटारी सीमा के रास्ते अपने वतन भारत पहुंचा। सोनू सिंह के पिता रोशन सिंह मोदी सरकार की तारीफ करते हुए नहीं थक रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13 साल पहले अपने घर से चार बेटों में तीसरे नंबर का बेटा सोनू सिंह उर्फ सोहन सिंह करीब 18 साल की उम्र में घर से यह कहकर निकला था कि वह सन्यासी बनने जा रहा है। मानसिक रूप से कमजोर लेकिन धार्मिक रूप से काफी मजबूत सोनू के घर से चले जाने के बाद उसके पिता और परिजनों ने उसकी काफी तलाश की थी, लेकिन उन्हें सोनू की कोई जानकारी नहीं मिली।

परिजनों ने अब सोनू के जिंदा होने की भी आश छोड़ दी थी, लेकिन अचानक करीब 13 साल बाद उन्हें सूचना मिली कि उनका बेटा सोनू सिंह जिंदा है। वह पाकिस्तान की जेल में बंद है और भारत सरकार उसकी रिहाई की कोशिश में जुटी हुई है। बेटे के सही सलामत होने की जानकारी मिलते ही परिवार खुशी के मारे फूले नहीं समाया। जल्द ही उन्हें मोदी सरकार के प्रयास के बाद 26 अक्टूबर को अपने बेटे के पाकिस्तान से रिहा होकर देश वापस आने की जानकारी मिली। आज वह एक माह के बाद सभी कागजी कार्यवाही के बाद ललितपुर लौट आया है। सोनू के पिता ने कहा कि बेटे की वतन वापसी मोदी सरकार के प्रयासों की वजह से हुई है। देश में मोदी है तो मुमकिन है। स्थानीय बीजेपी विधायक और श्रम राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयास से पाकिस्तान की जेल में प्रताड़ना झेल रहे ललितपुर के लाल को वतन लाया गया। जिसको अमृतसर से लाने के लिये सभी जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा कागजी कार्यवाही पूरी करने के बाद आज ललितपुर लाया गया। सोनू सिंह का परिवार और उसके जिले के लोग उसकी वतन वापसी से बेहद खुश हैं।

रिपोर्ट- ललितपुर डेस्क

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---