"क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए राहुल कुमार पाण्डेय, सत्यप्रकाश तिवारी एवं अनुशासन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए आशुतोष कुमार पाण्डेय को मेडल, मोमेंटो, शाल, स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित"
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रतसर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। क्षेत्र के जनऊपुर गांव में झण्डा समिति के तत्वाधान में दीपावली पर्व पर हनुमत जयन्ती की 71 वीं वर्षगांठ कोविड-19 के दिशानिर्देशों के तहत मनाई गई। दो दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन अष्टयाम संकीर्तन का कार्यक्रम चला। वहीं दूसरे दिन हवन-पूजन के बाद संगीतमय प्रवचन में मानस किंकर संत बालक दास ने हनुमान जी की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि परम्परागत रूप से हनुमान को बल, बुद्धि, शौर्य और निर्भिकता का प्रतीक माना जाता है। संकट काल में हनुमान जी का ही स्मरण किया जाता है। हनुमान जी सेवक भी थे और राजदूत, नितिज्ञ, विद्वान, रक्षक, वक्ता, गायक, नर्तक, बलवान और बुद्धिमान भी। हनुमान जी को रुद्रावतार एवं शिवावतार भी माना जाता है। सायंकाल उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव विवेकानन्द पाठक ने फीता काटकर नारदी मुकाबला की शुरूआत की।
दो दलीय नारदी मुकाबला के क्रम में उत्तर प्रदेश (बलिया) के व्यास स्वामीनाथ एवं शिवनारायन यादव (बिहार) ने श्रोताओं को पुरी रात झुमने पर मजबुर कर दिया। वहीं जनऊबाबा साहित्यिक संस्था निर्झर द्वारा आयोजित जनऊ बाबा गौरव सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विवेकानन्द पाठक ने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए राहुल कुमार पाण्डेय एवं सत्यप्रकाश तिवारी तथा अनुशासन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए आशुतोष कुमार पाण्डेय को मेडल, मोमेंटो, शाल, स्मृति चिह्न तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इसके पूर्व गाजे-बाजे के साथ हनुमान जी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस अवसर पर पं० परमहंस जी पाण्डेय बैद्यराज, डा० मानवेन्द्र पाण्डेय, मुकेश ब्यास, बिपुल कुमार, मनोज पाण्डेय, राधेश्याम पाण्डेय, शिवप्रसाद पाण्डेय, मनोज प्रजापति, चन्दन शर्मा व बब्बन पाण्डेय मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेमनारायन पाण्डेय एवं संचालन साहित्यिक संस्था निर्झर के संयोजक धनेश कुमार पाण्डेय ने किया।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय


