Left Post

Type Here to Get Search Results !

यूपी: काले गेहूं से निकला किसानों की समृद्धि का उजाला, किसानों की आय हो रही दोगुनी

"एक ओर किसान जहां काले गेहूं का उत्पादन करके अपनी आय दो गुनी करा रहा है तो महिलाएं समूह बनाकर व्यापारिक खेती करके बढ़ा रही अपनी आमदनी"

खबरें आजतक Live
लखनऊ (ब्यूरो, उत्तर प्रदेश)। किसानों की आय दो गुनी करने के सरकार की मंशा अब साकार होने लगी है। एक ओर किसान जहां काले गेहूं का उत्पादन करके अपनी आय दो गुनी करा रहा है तो महिलाएं समूह बनाकर व्यापारिक खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। धान की कटाई समापन की ओर से है। गेहूं की बुआई का समय भी शुरू हो चुका है। 30 नवंबर तक बुआई का उचित समय होने के साथ ही काले गेहूं की पैदावार करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। मोहनलालगंज में काले गेहूं की पैकिंग कर आर्थिक समृद्धि कर रही रामरती का कहना है कि शिव किसान प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़कर काले गेहूं की पैकिंग करके हर दिन 300 से 400 रुपये कमाती हूं। मेरे साथ कई महिलाएं जुड़ी हैं। काकोरी में मां भगवती सेवा संस्थान की अध्यक्ष अनीता सिंह ने बताया कि नाबार्ड की पहल पर समूह बनाकर 200 से अधिक महिलाएं मिलकर मशरूम और अगरबत्ती बनाने का काम कर रही हैं। काले गेहूं के बाद यह काम पूरे साल चलता है। महिलाओं की आर्थिक समृद्धि में व्यापारिक खेती फायदे का सौदा है।

ज्यादा पौष्टिक होता है काला गेहूं-
उप कृषि निदेशक डॉ.सीपी श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप काले गेहूं का उत्पादन किसानों के लिए फायदे का सौदा है। राजधानी में मोहनलालगंज क्षेत्र में काले गेहूं की खेती के साथ बीज तैयार किया जाता है। कृषि विज्ञान केंद्र में भी बीज मिलता है। काला गेहूं भूरे सामान्य गेहूं के मुकाबलेज्यादा पौष्टिक होता है।काले गेहूं खुले बाजार में 3200 से चार हजार रूपये प्रति क्वींटल बिकता है। महिलाएं काम करके अपनी आमदनी बढ़ा रही हैं। बुआई के लिए 125 से 150 किग्रा प्रति हेक्टेयर बीज प्रयोग करना चाहिए। पराली जलाने वाले खेतों में पोषक तत्व खत्म हो जाता है। ऐसे में किसान पराली न जलाएं।

चलाया जा रहा जागरूकता अभियान-
जिला कृषि अधिकारी ओपी मिश्रा ने बताया कि काले गेहूं की बुआई के लिए किसानों के जागरूक किया जा रहा है। कृषि गोष्ठियों के माध्यम से इसकी बुआई और फायदे बताए जा रहे हैं। कृषि वैज्ञानिकों ने भी इस गेहूं में सामान्य गेहूं से अधिक पौष्टिक तत्व और आयरन की भरपूर मात्रा होने की बात कही है। खुले बाजार में इसकी कीमत भी सामान्य गेहूं के मुकाबले ज्यादा है। बुआई की लागत में मात्र 20 से 30 फीसद अधिक खर्च आता है, लेकिन दाम अधिक मिलता है।

रिपोर्ट- लखनऊ डेस्क

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
image image image image image image image

Image   Image   Image   Image  

--- Top Headlines ---