"पटना के कंकड़बाग निजी अस्पताल में मृत घोषित सौरभ की अचानक चलने लगी सांसे, जिसके बाद मरीज को आनन-फानन में से पीएमसीएच में कराया गया भर्ती"
पटना (ब्यूरो, बिहार) पटना शहर के कंकड़बाग के निजी अस्पताल में मृत घोषित सौरभ की घर पर सांसे अचानक चलने लगी। आनन-फानन में परिजनों ने सौरभ को पीएमसीएच में भर्ती कराया जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। ज्ञात हो कि हरदास बीघा के कटौना गांव के सौरभ को कंकड़बाग के निजी अस्पताल में मृत घोषित करने के बाद युवक को परिजनों को सौंप दिया गया। धोखे से डेथ सर्टिफिकेट की बजाय रेफर का कागज थमा दिया। बेचारे परिजन शव समझ कर युवक को घर ले आए और घर पर दाह संस्कार की तैयारी चल रही थी। उसकी अर्थी पूरी तरह सज गई थी। घर पर परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। परिजन उसकी अर्थी को गंगा किनारे घाट पर जलाने ले जाने वाले ही थे लेकिन अचानक अर्थी पर पड़े सौरभ की उंगलियां हिलने लगी और धड़कनें चलने लगी। सौरभ की आंखें भी कुछ देर के लिए खुली। इतना देख परिजनों में उत्साह जागा और आनन-फानन में उसे पीएमसीएच लेकर आए।
पीएमसीएच के इमरजेंसी मे सौरभ का इलाज चल रहा है। इमरजेंसी के प्रभारी डॉ अभिजीत सिंह ने बताया कि जब सौरभ यहां पहुंचा था तब उसकी सांसे चल रही थी लेकिन वह बेहोश था। शरीर में हल्की हलचल थी। हालांकि अभी भी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है डॉक्टरों की टीम उसे बचाने का पूरा प्रयास कर रही है। सौरभ को कंकड़बाग के निजी अस्पताल में 7 सितंबर की रात 10:00 बजे भर्ती कराया गया था। सौरभ सड़क दुर्घटना में घायल हुआ था। लगभग दो लाख का बिल चुकाने के बाद अस्पताल ने अपने हाथ खड़े कर दिए। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था बाद में वेंटिलेटर से उतारकर बॉडी को पैक करके एंबुलेंस में डाला गया, जबकि धोखे से सर्टिफिकेट पर रेफर लिख दिया गया था।![]() |
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रिपोर्ट- बिहार डेस्क