तीन सहकारी समितियों में जमा करोड़ जमाकर्ताओं के 86,673 करोड़ रुपये संकट में, केंद्रीय रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसायटीज ने इन समितियों और इनमें जमा राशि पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए किया जांच की मांग
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सरकारी रिकॉर्ड से पता चलता है कि सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव ने लगभग 4 करोड़ जमाकर्ताओं से 47,254 करोड़ रुपये जमा किए और एंबी वैली लिमिटेड में 28,170 करोड़ रुपये का निवेश किया। सहारा की चार सोसाइटी सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (2010 में स्थापित), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायण यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैं। सहारा यूनिवर्सल ने अपने 3.71 करोड़ सदस्यों से लगभग 18,000 करोड़ रुपये एकत्र किए और 17,945 करोड़ रुपये का निवेश किया। हमारा इंडिया में 1.8 करोड़ सदस्यों से 12,958 करोड़ रुपये जमा किए और 19,255 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसी तरह स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव ने 37 लाख सदस्यों से 8,470 करोड़ रुपये प्राप्त किए और एंबी वैली में 6273 करोड़ रुपये का निवेश किया है। अग्रवाल ने पत्र में लिखा कि इन चार समितियों द्वारा एंबी वैली लिमिटेड के शेयर्स के लेनदेन के वक्त 'काल्पनिक मुनाफे' के बारे में पता चला है। उन्होंने कहा कि ये समितियां शेयरों की बिक्री से आय दिखाती हैं, जबकि इस तरह के ट्रांसफर केवल समूह संस्थाओं के भीतर ही हुए हैं। उन्होंने आगे लिखा कि इन चार सहकारी समितियों में करोड़ों नागरिकों द्वारा की गई अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश गंभीर खतरे में है। ऐसी सभी जमा राशि अब सहारा समूह की कंपनियों खासकर एंबी वैली के रहम पर हैं, इसलिए सार्वजनिक हित को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की जाए। पिछले दो महीनों में रजिस्ट्रार ने देश भर के कई जमाकर्ताओं और सदस्यों से स्वैच्छिक शिकायतों के आधार पर इन चार सहारा समितियों के खिलाफ कई सुनवाई कीं और आदेश पारित किए। वहीं दूसरी ओर सहारा समूह के प्रवक्ता ने बताया कि हमारी समिति आम जनता से किसी भी तरह के योगदान को स्वीकार नहीं कर रही है, हम केवल अपने सदस्यों से जमा/योगदान को स्वीकार कर रहे हैं, जिनके पास हमारे समिति में मतदान के अधिकार हैं। हम अपने पैसे हमारे उप-कानूनों के प्रावधानों के अनुसार निवेश कर रहे हैं, जो सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा मंजूरी प्राप्त है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क