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आज कोरोना काल में इस समय लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, आइए जानें क्या करें क्या नहीं



नई दिल्ली (ब्यूरों) चंद्र ग्रहण 5 जून 2020 दिन शुक्रवार यानी कि आज है। यह साल का दूसरा चंद्र ग्रहण है जोकि कोरोना काल में लग रहा है। इसलिए ज्योतिष में इस चंद्र ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खगोल विज्ञान की मानें तो चंद्र ग्रहण उस स्थिति में लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं। इस दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में होती है, और इस कारण चंद्रमा की दृश्यता पृथ्वी से देखने पर कम हो जाती है। ज्योतिष विज्ञान में यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों से परहेज करना चाहिए और कुछ काम इस दौरान करने से बेहतर फल मिलता है। 5 जून को लगने वाला चंद्र ग्रहण 3 घंटे 18 मिनट का होगा। यह एक पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण होगा जिसमें आमतौर पर एक पूर्ण चंद्रमा से अंतर करना मुश्किल होता है। यह चंद्र ग्रहण 5 जून को रात 11:15 बजे से शुरू होगा, रात 12:54 बजे इसका सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा और 6 जून 02:34 बजे समाप्त हो जाएगा। हालांकि उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण होने के कारण इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा। चंद्र ग्रहण में  हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं आइए जानते हैं विस्तार से...



चंद्र ग्रहण पर गलती से भी ना करें ये काम-
चंद्र ग्रहण के समय बालों में तेल लगाना, खाना खाना, पानी पीना, सोना, बाल ठीक, साथी से संबंध बनाना, दातुन करना, कपड़े धोना, ताला खोलना जैसे कामों से परहेज करना चाहिए। चंद्र ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को छूना नहीं चाहिए तथा
चंद्र ग्रहण के समय अन्न नहीं ग्रहण करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान आप जितने अन्न के दाने खाते हैं आपको नरक में उतनी ही ज्यादा यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान सोने से परहेज करना चाहिए। चंद्र ग्रहण में तीन प्रहार यानी कि 3 घंटे तक खाना खाना नहीं चाहिए। हालांकि रोगी, बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये नियम लागू नहीं है। स्कंद पुराण के मुताबिक़, चंद्र ग्रहण पर दूसरे का अनाज या किसी का दिया हुआ खाना खाने से पुण्य फलों का नाश होता है। चंद्र ग्रहण के समय कोई शुभ काम नहीं करना चाहिए। हालांकि मन ही मन भगवान का स्मरण किया जा सकता है।



आइए जानें चंद्र ग्रहण में क्या करें-
चंद्र ग्रहण लगने से पहले नहा-धो करके भगवान की पूजा अर्चना और हवन करना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के संमय किए गए दान से सामान्य से कई गुना फल मिलता है। इस दौरान पुण्य कर्म करने चाहिए।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य व धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। "खबरें आजतक Live" इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें

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