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भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त जासूसी करते पकड़े गए पाक उच्चायोग के यें दो अफसर, 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश


नई दिल्ली (ब्यूरों) पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है। भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है। दोनों को सोमवार तक भारत छोड़ने के लिए कहा गया है। इस बाबत पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाक के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार न करे। दिल्ली के करोल बाग से रंगे हाथ पकड़े गए आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते हैं।



विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीय कानून प्रवर्तन के अधिकारियों ने दोनों को पकड़ा था। इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी। बताया जा रहा है कि ये दोनों आर्मी पर्सनल को टारगेट करते थे और उनकी लिस्ट ISI देती थी। वहीं, इस बड़ी कार्रवाई पर पाकिस्तान ने उल्टा ही भारत पर साजिश का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने कहा है कि ये पूर्व नियोजित योजना के तहत कार्रवाई हुई है, जो पाकिस्तान विरोधी प्रचार का एक बड़ा हिस्सा है। पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले आबिद के पास से दिल्ली के गीता कॉलोनी के नासिर गोतम नाम का आधार कार्ड मिला है। आबिद और ताहिर आर्मी पर्सन को टारगेट करते थे और खुद को इंडियन बताते थे।



इसको लेकर ISI बाकायदा लिस्ट देती थी किन-किन लोगों को टारगेट करना है। पकड़े गए जावेद का काम दिल्ली में आबिद और ताहिर को अलग-अलग इलाकों में ले जाना था। इनके लिए डाक्युमेंट्स भी जावेद ही बनवाता था। जावेद उच्चायोग में ड्राइवर था, लेकिन ISI के लिए जासूसी का काम कर रहा था। इनके पास से क्लासिफाइड सीक्रेट डॉक्युमेंट्स मिले हैं। स्पेशल सेल की टीम पता लगा रही है कि इनको ये डॉक्युमेंट्स कहां से मिले हैं। स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने कई आर्मी पर्सन को टारगेट करने की कोशिश की थी। अब उनका पता लगाया जाएगा। इन दोनों अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी।




रविवार को दोनों वीजा असिस्टेंट करोल बाग इलाके में मीटिंग के लिए गए थे। सूत्रों के मुताबिक, यहां तीनों एक आर्मी के जवान को टारगेट करने के लिए गए थे, लेकिन उससे पहले इंटेलिजेंस टीम ने उन्हें पकड़ लिया। वहीं, सीनियर अफसरों के मुताबिक, MEA के जरिए दोनों को पाकिस्तान हाई कमीशन को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है। पूछताछ हो चुकी है, जिसमें काफी सबूत भी मिले हैं।
इससे पहले 2016 में पाक उच्चायोग में काम करने वाले एक अफसर को अवैध तरीके से संवेदनशील दस्तावेज हासिल करने के आरोप में पकड़ा गया था। सरकार ने उक्त अफसर के खिलाफ भी पर्सोना-नॉन ग्रेटा जारी करते हुए वापस पाकिस्तान भेज दिया था।

रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क

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