रतसर (बलिया) रोजी रोटी की तलाश में घर से बाहर गये लोंगों का हौसला लाक डाउन की बढ़ती तिथि तोड़ती जा रही है। सुदूर शहरों में भूख से लड़ रहे श्रमिकों के लिए घर वापसी के अलावा कोई विकल्प नही बचा है। जनपद के कई लोग जो शहरों में रोजी रोटी के लिए गये थे वे तमाम दुश्वारियों को झेलते हुए अपने घर वापस आ गये है। बुधवार को गड़वार थाना क्षेत्र के रतसर खुर्द गांव निवासी गुलाब राजभर (60) एवं संतोष कुमार (40) भी लगभग 1080 किमी की दूरी साइकिल से पूरी कर रायपुर (छत्तीसगढ) से अपने घर पहुंचे।
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ध्यातव्य हो कि दोनो रायपुर में एक कम्पनी में ठेका पर मजदूरी का काम करते थे। लाक डाउन के बाद रोजगार ठप हुआ और जब जेब खाली होने लगी तो दोनो ने घर निकलने की ठानी। ट्रेन- बस बन्द होने के कारण दोनों ने साइकिल से सफर तय करने का फैसला किया। एक दिन में 70 से 90 किमी चलते रहे। भूख लगने पर रास्ते में कही कोई दुकान मिलती तो बिस्कुट खाकर अपनी भूख मिटाते रहे। इसी बीच साइकिल का टायर फट गया। निकट में कोई दूकान न होने के कारण 50 किमी पैदल सफर करने के बाद साइकिल की दूकान मिली और साइकिल का टायर चेन्ज हो पाया।
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कई बार पुलिस प्रशासन के डर से हाइवे छोड़कर गांव के बीच पंगडंडियों के सहारे दुर्गम यात्रा करनी पड़ी। लगभग 1080 किमी.की दूरीआठ दिनों में पूरी कर अपनी मंजिल पहुंचे। उनके गांव पहुंचने पर ग्राम प्रधान द्वारा गुरूवार को कोविड -19 कन्ट्रोल रूम में इसकी सूचना दी। सूचना मिलने पर कोरोना निगरानी टीम के डा० राकिफ अख्तर एवं डा० देवेन्द्र यादव अपनी टीम के साथ गांव पहुंचकर दोनों का चिकित्सकीय परीक्षण किया और फिर उन्हें 28 दिन तक होम क्वारंटीन रहने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरो लोकेश्वर पाण्डेय