रेवती (बलिया) पहली पत्नी के रहते मंदिर में दूसरी लड़की से शादी रचा रहे पति को पुलिस ने थाने लाई। शुक्रवार को पहली पत्नी अपनी मां तथा रिश्तेदारों के साथ थाने पहुंची, जहां घंटों दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चलता रहा। दोनों पक्षों की तरफ से जुटे संभ्रांत लोगों के बीच समझौता हुआ कि पत्नी ससुराल में रहेगी।
बताया जाता है कि मई 2011 में रेवती थाना क्षेत्र के धनेश्वर दास के मठिया (छपरा सारिव) निवासी लक्ष्मण गोड़ के बेटे सुबाष और व्यास की शादी नगरा निवासी बद्री गोंड़ की बेटियां रेखा और रेनू के साथ हुई थी। शादी के बाद सुबाष-रेखा की दो बेटी भी हुई। इसके बाद बेटी और पत्नी को घर पर ही छोड़ कर सुबाष 2015 में रोजी-रोटी की तलाश में मारिशस चला गया। बीते माह गांव आने के बाद सुबाष मायके वालों के साथ इम्फाल में रह रही पत्नी रेखा को गांव आने के लिए फोन किया, लेकिन वह गांव नहीं लौटी। दोनों पक्षों के बीच इस दौरान वाद विवाद के बाद दाम्पत्य बंधन में दरार पड़ गयी तथा पति ने पत्नी को छोड़ दूसरी शादी की योजना बना डाली। गुरुवार को योजना के मुताबिक सुबाष दुधैला निवासी आरती के साथ शादी के लिए दुल्हा बन कर मां पचरुखा देवी मंदिर जा पहुंचा। इसी बीच पहली पत्नी रेखा ने फोन से पुलिस को सूचना दिया। जानकारी मिलते ही एसएचओ शिव मिलन व एसआई गजेंद्र राय दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शादी रोकवा दिया।
पति द्वारा पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करने के प्रयास के मामले में शुक्रवार को थाने में जुटे पति-पत्नी तथा परिजनों के बीच काफी देर तक माथापच्ची होती रही। पति सुभाष किसी भी कीमत पर पत्नी रेखा को घर रखने को तैयार नहीं था। उसका कथन था कि भले ही मुझे जहर खाना पड़े, लेकिन मैं इसे घर पर नहीं रखूंगा। उधर, पत्नी की जिद थी कि मैं पति के घर ही रहूंगी। ऐसी परिस्थिति में संभ्रांत लोगों व स्थानीय पुलिस द्वारा दोनों पक्षों को समझा कर समझौता करा दिया गया।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता