बलिया (ब्यूरों) जनशिकायतों के प्रति उदासीनता बरतने पर जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को उन्होंने जिले के 42 अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश वरिष्ठ कोषाधिकारी ममता सिंह को दिया है। इन अधिकारियों को चेतावनी भी दी है कि आगे सुधार नहीं दिखा तो और भी बड़ी कार्रवाई होगी। आवश्यकता पड़ी तो निलंबन के लिए भी पत्र भेजा जाएगा। जिलाधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि अगले तीन दिनों के भीतर डिफाल्टर होने की शिकायतों को अनिवार्य रूप से निपटारा करा दें। इस बात का ध्यान रहे कि निस्तारण गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इस कार्रवाई से अधिकारियों के बीच हड़कम्प मचा हुआ है।
गौरतलब है कि जिलाधिकारी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद ही अधिकारियोें से दो टूक संदेश दे दिया था कि जनशिकायतों का निस्तारण समय से कर देंगे। कोई भी शिकायत डिफाल्टर की श्रेणी में नहीं जानी चाहिए। हप्ते दिनों का मौका देने के बाद मंगलवार को उन्होंने 42 अधिकारियों के वेतन रोकने की कार्रवाई की।
इन अधिकारियों का रूका वेतन-
जिलाधिकारी ने जिन अधिकारियों का वेतन रोकने का आदेश दिया है, उनमें मुख्य चिकित्साधिकारी, डीआईओएस, डीपीआरओ, डीडीओ, पीडी, समाज कल्याण अधिकारी, एक्ईएन विद्युत खंड 2 व 4 और विद्युत परीक्षण खंड, एक्सईएन लोनिवि अभियंता निर्माण खंड, एक्सईएन जल निगम, तहसीलदार बांसडीह, तहसीलदार बैरिया, जिला कृषि अधिकारी शामिल है। इनके अलावा उप दुग्धशाला विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि, डीडीसी, युवा कल्याण अधिकारी, जिला समन्वयक पीएनबी, होम्योपैथ चिकित्साधिकारी, परियोजना अधिकारी डूडा, महिला अस्पताल व जिला चिकित्सालय के सीएमएस, सहायक आयुक्त (प्रवर्तन) वाणिज्य कर, एआरटीओ, चकबंदी अधिकारी बांसडीह, वन विभाग के वनराजधिकारी बैरिया व कार्यदायी संस्था यूपी स्टेट कन्स्ट्रक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड के एक्सईएन का वेतन रोक दिया गया हैं।
चार बीडीओ व तीन ईओ पर भी कार्रवाई-
जिलाधिकारी ने चार ब्लाॅक के खंड विकास अधिकारियों का भी वेतन रोक दिया है। इनमें खंड विकास अधिकारी, बांसडीह, बेलहरी, रेवती, मुरली छपरा, सोहांव शामिल है। नगरपालिका रसड़ा के अधिशासी अधिकारी के साथ नगर पंचायत बांसडीह व सिकंदरपुर के ईओ का भी वेतन रोका गया है।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता