बलिया (ब्यूरों) ददरी मेला में लगे झूलों व चरखी को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे हाई वोल्टेज ड्रामे का रविवार को सुखद अंत हो गया। तमाम ताम-झाम के बाद आखिरकार जिला प्रशासन के हुक्मरानों ने झूलों एवं चरखियों के संचालन की अनुमति दी। जिससे ना सिर्फ मेले में आये झूला चरखी वालों बल्कि मेलार्थियों और अन्य कारोबारियों में भी हर्ष रहा। हालांकि इसके लिए चरखी व झूला संचालकों को काफी हो-हल्ला करना पड़ा। मौके पर पहुंचे नगर मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी नगर के हस्तक्षेप से समस्या की सुखद परिणिति हुई।
बता दें कि ददरी मेला के आरंभ यानि बीते 12 नवम्बर को ही जिला प्रशासन ने झूला एवं चरखी का संचालन यह कह कर बन्द करा दिया था कि जमीन दलदली है। जिसके कारण यहाँ चरखी व झूला लगाना ठीक नहीं है। लेकिन इससे पूर्व ही नगर पालिका प्रशासन द्वारा मेला में चरखी व झूला संचालकों को भूमि का आंवटन किया जा चुका था। उस समय नगर पालिका के अधिकारियों ने किसी भी व्यवधान/समस्या का जिक्र नहीं किया। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा अचानक एनओसी और जमीन की दलदली होने की बात कह चरखी व झूला बंद कराना किसी के गले नहीं उतर रहा था। जिससे ना सिर्फ दुकानदारों में मायूसी का आलम रहा बल्कि मेला की रौनक भी प्रभावित होती रही। हालांकि सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन बीते वर्ष ददरी मेला में चरखी से गिर कर हुई युवती की मौत को लेकर पेशोपेश में था और किसी भी प्रकार जोखिम लेने से बच रहा था। लेकिन बीते सप्ताह ददरी मेला में कम हुई लोगों की आवक को लेकर प्रशासन को बैकफुट पर जाना पड़ा। हालांकि इस बाबत पूछे जाने पर नपा के अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने यह कहकर किनारा कर लिया कि जिला प्रशासन ने किस बात को लेकर रोक लगायी है, वही जाने। नगरपालिका के द्वारा किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है।
रविवार को मेला में बढ़ते भीड को देख झूला व चर्खी के मालिकों ने होहल्ला करना शुरू कर दिया। जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दिया गया। मौके पर सीटी मजिस्ट्रेट ब्रज किशोर दूबे व सीओ सीटी पहुंच कर उनसे वार्ता की। वार्ता के दौरान बाहर से आये व्यापारियों ने कहा कि चरखी व झूला लगाने में दलदली जमीन की समस्या तो समझ में आता है, लेकिन मेला में दर्शकों को दिखाये जाने वाले डांस समेत अन्य शो को भी जिला प्रशासन ने बंद करवा रखा है। जिससे यह साफ झलक रहा है कि अधिकारियों की मंशा ठीक नहीं है। ददरी मेला में मामले को गम्भीरता से लेते हुए सीटी मजिस्ट्रेट ने व्यापारियों व अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें व्यापारियों की समस्या को प्रमुखता देते हुए आखिरकार दोपहर दो बजे के बाद झूला व चरखी के साथ-साथ सभी शो चालू कराने की अनुमति दी गर्ई।
रिपोर्ट- बलिया ब्यूरों लोकेश्वर पाण्डेय