वाराणसी (व्यूरो) - पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त कर नई अंशदाई पेंशन योजना यू.पी.ए.सरकार ने आज 19 सितंबर के दिन के वर्ष 2013 में लोकसभा में पारित किया था जबकि इस सम्बन्ध मे उत्तर प्रदेश के लगभग 40 सांसदों ने नई पेंशन नई अंशदाई पेंशन योजना के विरोध में तत्कालीन मा. प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी को पत्र के द्वारा कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिखा था कि यह पेंशन योजना कतई कर्मचारियों के हित में नहीं है ऐसा पत्र गृह मंत्री माननीय राजनाथ सिंह व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी द्वारा भी लिखा गया था परंतु लोकसभा में आज के दिन पारित होने के कारण कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच उत्तर प्रदेश के आह्वाहन पर आज बुधवार को वाराणसी जनपद के लगभग- लगभग सभी कार्यालयों में एवं विद्यालयों में काला फीता बांधकर कर्मचारियों ने काम किया एवं शिक्षकों ने पठन-पाठन का कार्य किया फलस्वरुप अपराहन 2:00 बजे जिले के समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी जिला अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह व जिला संयोजक शशिकांत श्रीवास्तव के नेतृत्व में एकत्रित होकर विरोध प्रकट किया और सरकार के इस कृत्य की निंदा की और कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था हर हाल में लागू होनी चाहिए इसके लिए चाहे कितना भी संघर्ष करना पड़े प्रदेश का कर्मचारी एवं शिक्षक संकल्पित है जो भी कुर्बानी देनी होगी पूरे प्रदेश का कर्मचारियों शिक्षक कुर्बानी देने के लिए तैयार है नई पेंशन योजना पूर्णतया कर्मचारियों के वेतन से काटी गई धनराशि बुढ़ापे के लाठी का सहारा नहीं बन सकती यह शेयर मार्केट आधारित व्यवस्था है जो कतई स्वीकार नहीं है विरोध दिवस में जनपद के सिंचाई, शिक्षा, कोषागार ,उद्यान व्यापार कर, पशुपालन, वी.डी.ए. लोक निर्माण विभाग, प्राथमिक शिक्षा ,माध्यमिक शिक्षा ,उच्च शिक्षा, श्रम विभाग ,आदि अन्य विभाग के कर्मचारी व शिक्षक उपस्थित रहे विरोध दिवस में सर्व श्री संतोष सिंह, शशिकांत श्रीवास्तव, श्याम राज यादव, शेष मोहन मालवीय, परशुराम यादव, प्रसून श्रीवास्तव , अवधेश मिश्रानागेंद्र सिंह ,कैलाश नाथ यादव, सनत कुमार सिंह ,ज्योति भूषण त्रिपाठी गीतांजली राणा, अरुण सिंह, सुरेंद्र जयसवाल , निसार अहमद, आरके गुप्ता, गौरव जायसवाल ,गोविंद यादव ,ओम प्रकाश, ब्रह्मदेव मिश्रा, सुरेंद्र यादव ,अजय तिवारी, जितेंद्र पांडे, वीरेंद्र सिंह, राकेश चंद्र पाठक ,शैलेंद्र पांडे ,श्याम नारायण, श्यामलाल, रामसेवक यादव, संजय सिंह, पार्थेश्वर पांडे ,विवेकानंद, अवधेश राय ,राजेश सिंह आदि लोगों ने भागीदारी रही।
वाराणसी ब्यूरो अब्दुल्ला वारसी