15 सूत्रीय मांगों पर ग्राम झिन्ना में आमरण अनशन, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, भ्रष्टाचार और रिश्तेदारी की राजनीति पर उठ रहें सवाल, झिन्ना के सरपंच कोमल चंद के नेतृत्व में जनता आमरण अनशन पर
![]() |
खबरें आजतक Live |
मुख्य अंश (toc)
ग्राम झिन्ना में आमरण अनशन जारी
सतना/मैहर (मध्य प्रदेश ब्यूरो डेस्क)। मैहर जिले के ग्राम झिन्ना में ग्राम सरपंच एवं ग्रामीण जनों द्वारा 8 अक्टूबर से अभी तक आमरण अनशन जारी हैं। अनशन की सूचना सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों को दी जा चुकी हैं, किंतु अभी तक कोई भी सार्थक कदम प्रशासन द्वारा नहीं उठाया गया हैं। वही अनशनकारियों का आरोप है कि सांसद गणेश सिंह अपने स्वजातीय रिश्तेदार के भ्रष्टाचार को बचाने के लिए ग्राम विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं।
#Mpbreaking #Satna #Maihar
— खबरें आजतक Live - Khabre Aajtak Live (@khabreaajtakliv) October 12, 2025
➡️ 15 सूत्रीय मांगों पर ग्राम झिन्ना में आमरण अनशन, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
➡️ झिन्ना के सरपंच पांच दिन से आमरण अनशन पर
➡️ भ्रष्टाचार और रिश्तेदारी की राजनीति पर सवाल- ➡️ झिन्ना में आमरण अनशन बना जनसंघर्ष की मिसाल@drmohanoffice51 @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/2evv9cJGIs
सरपंच कोमलचंद का आरोप
सरपंच ने बताया कि पंचायती राज अधिकारी, एसडीएम कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री तक को ग्राम झिन्ना सरपंच के द्वारा 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार आवेदन दिया जा चुका हैं। नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारी गणों को कई बार आवेदन, प्रतिवेदन, ज्ञापन देने के बाद भी जब प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंगी तो मजबूरन ग्राम झिन्ना के अपने साथियों तिलकधारी चौरसिया, राजेंद्र कुशवाहा, मिठाई लाल चौरसिया, सुरेश कोल एवं अन्य साथियों के साथ पूर्व में किए गए अपने सारे प्रयासों को असफल होते देख मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ा।
अनशनकारियों का बिगड़ रहा स्वास्थ्य
बताते चलें कि अनशन को आज पांच दिवस हो चुके हैं। अनशनकारियों का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन बिगड़ता जा रहा हैं।
आवेदन पर आवेदन
पत्रकारों द्वारा अनशन को लेकर सवाल पूछने पर ग्राम सरपंच कोमल चंद ने बताया की शासन की मंशा और ग्राम जनों की खुशहाली हेतु हाट बाजार, दुकान निर्माण, सार्वजनिक शौचालय निर्माण एवं ग्राम के सौंदर्यीकरण हेतु बीतें 3 वर्षों से सतना कलेक्टर, मैहर कलेक्टर को 7 बार लगातार आवेदन किया गया। अनुविभागीय राजस्व अमरपाटन को 13 बार आवेदन दिया गया। नायब तहसीलदार को 70 से 80 बार आवेदन दिए गए। किंतु सारे प्रयास विफल रहें।
विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप
सरपंच कोमल चंद ने कहा कि विकास कार्यों में सतना सांसद गणेश सिंह मुख्य बाधक बनें हैं। सरपंच कोमल चंद ने कहा कि सांसद गणेश सिंह के इस कृत्य की सूचना भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात करके दी। प्रधानमंत्री को भी पत्र के माध्यम से भी बताया कि सांसद महोदय द्वारा झिन्ना के विकास कार्य में बाधा डाली जा रही हैं। किंतु ऊपर से लेकर नीचे तक कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं, जिसकी मुख्य वजह हैं कि झिन्ना के पूर्व सरपंच सत्येंद्र सिंह से सतना सांसद गणेश सिंह की नजदीकी रिश्तेदारी हैं।
प्रमाण के साथ कहीं यें बात
अनशनकारियों का कहना है कि क्या रिश्तेदारी देश के संविधान एवं लोकतंत्र से भी बड़ी हैं। क्या लोकतंत्र संविधान और जनता की आवाज को कुचलकर सतना सांसद अपनी रिश्तेदारी निभायेंगे। इस बात का प्रमाण यह हैं कि 9 अक्टूबर 2024 को सतना सांसद ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला मैहर को स्वयं अपने लेटर हेड पर पत्र से सूचना दी की ग्राम जिन्ना के सरपंच भ्रष्टाचारी हैं। इसकी न्यायिक जांच की जाए। जांच होने पर झिन्ना सरपंच निर्दोष पाए गए। 25 फरवरी 2013 को सांसद ने अपने भ्रष्टाचारी रिश्तेदार को बचाने के लिए लोकायुक्त आईडी भोपाल को पत्र लिखा था कि उनके रिश्तेदार सत्येंद्र सिंह पूर्व सरपंच ग्राम झिन्ना निर्दोष हैं परंतु जांच होने पर न्यायालय द्वारा उन्हें 5 वर्ष के कारावास की सजा दी गई। अनशनकारियों ने कहा कि इस प्रमाण से तो यही साबित होता हैं कि सांसद जात-पात एवं रिश्तेदारी देखकर भ्रष्टाचारियों को समर्थन देते हैं और सच्चाई की आवाज को पूरी ताकत से दबाना एवं रौंदना चाहते हैं।
संविधान के प्रति जताया विश्वास
अनशनकारियों का मानना है कि उन्हें देश की न्याय व्यवस्था देश के संविधान पर पूर्ण विश्वास है देर सबेर उन्हें न्याय ज़रूर मिलेगा। सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। अब देखना यह है कि आखिर सत्य को कब तक परेशान किया जाता हैं।
रिपोर्ट- ब्यूरो डेस्क सतना/मैहर