ज़िम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही व लचर कार्यप्रणाली के चलतें आज भी समाज के आखिरी लाइन में बैठें गरीब लोगों को ठीक से नहीं मिल रहा स्वास्थ्य सेवाओं व जांच का लाभ
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शासन का संकल्प स्वास्थ्य सबका अधिकार
सिकन्दरपुर (बलिया, उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए ‘स्वास्थ्य सबका अधिकार’ केवल एक राजनीतिक नारा नहीं हैं, बल्कि यह उनके शासन के संकल्प का मुख्य हिस्सा हैं। चाहे वह गोरक्षपीठ से मिले सेवा के अनुभव हों या मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उनकी सक्रियता, योगी आदित्यनाथ ने हमेशा ही स्वास्थ्य सेवाओं को उत्कृष्ट बनाने के लिए प्रयास किए हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं का नहीं मिल रहा लाभ
इन्हीं प्रयासों के तहत प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा हैं। वहीं अगस्त 2024 तक 5.11 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड जारी किए गए हैं, ताकि कोई भी गरीब व्यक्ति पैसे के अभाव में इलाज से वंचित न रहें। इसके बावजूद भी ज़िम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही व लचर कार्यप्रणाली के चलतें आज भी समाज के आखिरी लाइन में बैठें गरीब लोगों को ठीक से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
➡️ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिकन्दरपुर में समस्याओं का लगा अंबार
— खबरें आजतक Live - Khabre Aajtak Live (@khabreaajtakliv) February 14, 2025
➡️ ना डिजिटल एक्सरे मशीन हैं ना ही अल्ट्रासाउंड मशीन
➡️ कुंभकर्णी नींद में सो रहें विभागीय अधिकारी@UP_Swasth @MhfwGoUP @nhm_up @UPGovt @ANI @aajtak @brajeshpathakup @myogiadityanath @myogioffice @dmballia pic.twitter.com/lDz1twP4vR
जांच में बर्बाद हो रहा गरीबों का पैसा
स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सिकन्दरपुर में सालाना लगभग लाखों की संख्या में सूदूर ग्रामीण क्षेत्रों से गरीब मरीज इलाज कराने हेतु सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र आते हैं। लेकिन न अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन हैं ना ही अल्ट्रासाउंड मशीन, जिसके चलते हर साल गरीबों का काफी पैसा सिर्फ जांच में बर्बाद हो रहा हैं।
दुर्भाग्य की बलि चढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार स्वास्थ्य सेवाओ में बड़ें पैमाने पर परिवर्तन करना चाहती हैं, लेकिन दुर्भाग्य से फूलों व खुशबूओं की नगरी कहें जानें वालें नगर सिकन्दरपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इससे अब तक पूरी तरह अछूता दिख रहा हैं।
बयानों तक ही सीमित हैं विभागीय अधिकारी
विदित हो कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इन दिनों डॉक्टरों की भारी कमी का भी दंश झेल रहा है। बीतें सप्ताह एडिशनल सीएमओ पद्मावती वर्मा का एक बयान आया था कि सीबीसी एनेलाइजर आने के बाद मरीजों को खून जांच (CBC) में सुविधा मिलेंगी, लेकिन बयान सिर्फ बयानों तक ही सीमित होकर रह गया। जमीनी स्तर पर कोई बड़ा बदलाव यहां पर देखने को नहीं मिल रहा हैं।
कौन देगा जवाब पूछता हैं सिकन्दरपुर
ऐसे में सिकन्दरपुर की आम जनता यें सवाल पूछ रही हैं कि जिले के विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में अल्ट्रासाउंड मशीनों व डिजिटल एक्सरे को इंस्टॉल तो कर दिया गया, लेकिन सिकन्दरपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर इसकी सुविधा क्यों नही मिल रही हैं।
स्वास्थ्य केंद्र पर समस्याओं की है लंबी लिस्ट
समस्याओं की बात करें तो इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में समस्याओं की एक लंबी लिस्ट हैं। स्वास्थ्य केन्द्र का जनरेटर बन्द पड़ा हुआ है। वही हॉस्पिटल परिसर में स्थित सुलभ शौचालय पर हमेशा ताला ही लटका रहता है, जिससे मरीजों व तीमारदारों सहित खासकर महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। लाखों रुपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगा आरो मशीन भी लंबे समय से बन्द पड़ा हैं, जिसके चलते आम जनता को स्वच्छ पेयजल के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है तथा पानी भी खरीद कर पीना पड़ता हैं।
क्या कुंभकर्णी नींद में सो रहें विभागीय अधिकारी
कभी बाहर की दवा लिखनें, तो कभी डॉक्टरों की अनुपस्थिति, तो कभी सुविधाओं का अभाव झेलने वाला यें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हमेशा ही किसी ना किसी नकारात्मक विवादों व विषयों को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में बना रहता हैं। जब भी कोई बात होती हैं तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यहां दौरा करते हैं और सिर्फ बड़े बड़े बयान देकर अपनें जिम्मेदारी को पूरा समझ लेते हैं। कहीं ना कहीं लापरवाह अधिकारियों के चलते आमजन में योगी सरकार की छवि धूमिल हो रहीं हैं।
रिपोर्ट- विनोद कुमार गुप्ता