महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात आग ने बरपा दिया कहर, यहां नीकू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की हो गई मौत, इस घटना को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से है अलर्ट, वहीं यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पहुंच गए हैं झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज
![]() |
खबरें आजतक Live |
मुख्य अंश (toc)
झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे डिप्टी सीएम
झांसी (ब्यूरो डेस्क)। झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार की रात आग ने कहर बरपा दिया। यहां नीकू वार्ड में अचानक आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई। इस घटना को लेकर यूपी सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। वहीं, यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज पहुंच गए हैं और उन्होंने नवजात शिशुओं के परिवारों से मुलाकात की।
नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
मेडिकल कॉलेज में पत्रकारों से बात करते हुए यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नवजात शिशुओं की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम परिजनों के साथ मिलकर नवजातों के शव की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। पहली जांच प्रशासनिक स्तर पर होगी जो स्वास्थ्य विभाग करेगा, दूसरी जांच पुलिस प्रशासन करेगा, अग्निशमन विभाग टीम भी इसका हिस्सा होगी, तीसरा मजिस्ट्रियल जांच के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई खामी पाई गई तो जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। सरकार बच्चों के परिजनों के साथ है।
#WATCH | UP Deputy CM Brajesh Pathak says, " The death of the newborns is very unfortunate. Along with the family members, we are trying to identify the bodies of newborns...the first probe will be done at the administrative level which will be done by health department, second… https://t.co/Ohh5fZYnIB pic.twitter.com/mmoyjZXJEY
— ANI (@ANI) November 16, 2024
नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता
आगे यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कहा कि फरवरी में फायर सेफ्टी ऑडिट हुआ था और जून में मॉक ड्रिल भी हुई थी। ये घटना कैसे हुई और क्यों हुई, इस बारे में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 7 नवजात शिशुओं के शवों की पहचान कर ली गई है, 3 शवों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई हैं। नवजात शिशुओं के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
नवजात शिशुओं को संभव उपचार दे रहे डॉक्टर
झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर भाजपा विधायक राजीव सिंह पारीछा ने कहा कि यह बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, लगभग 35 नवजात शिशुओं को बचा लिया गया। डॉक्टर घायल नवजात शिशुओं को सर्वोत्तम संभव उपचार दे रहे हैं। सरकार मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के संपर्क में है। प्रथम दृष्टया आग का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत होता है। साथ ही झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड पर झांसी कमिश्नर बिमल कुमार दुबे ने कहा कि बच्चों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
दस मिनट में ही मच गई थीं अफरातफरी
मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके महज 10 मिनट बाद ही वार्ड में जो कुछ हुआ उसने सभी के रौंगटे खड़े कर दिये। नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में आग लगने की सूचना से प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा तफरी मच गई। इधर, वार्ड में आग की खबर से वार्ड में भर्ती नवजात बच्चों के परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। आग को देख परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने लोगों को अंदर जाने से मना कर दिया।
खिड़की दरवाजे तोड़कर बच्चों को निकाला बाहर
मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के 2 कक्ष में नवजात शिशु भर्ती थे। आग लगते ही वहां धुआं भरने लगा। सूचना पर पहुंची पुलिस व सेना के जवानों ने अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपट तेज होने से वह अंदर नहीं जा सके। सेना के जवानों ने वार्ड की खिड़की व दरवाजों को तोड़ा और अन्दर गये। इसके बाद सेना के जवानों ने कुछ बच्चों को बाहर निकाला।
रिपोर्ट- झांसी ब्यूरो डेस्क