भारत में 14 कंपनियां हैं लिस्टेड, जिनका इजराइल में हैं कारोबार, इनमें से कई कंपनियों के लिए प्रभाव रह सकता है सीमित, एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स के शेयरों में आई है 3-4% की गिरावट
![]() |
खबरें आजतक Live |
मुख्य अंश (toc)
वैश्विक सप्लाई चेन पर पड़ रहा है प्रभाव
नई दिल्ली (ब्यूरो डेस्क)। ईरान द्वारा इजराइल पर 180 से अधिक मिसाइलों के हमले के बीच शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला है। दलाल स्ट्रीट पर सेंसेक्स 1,700 अंकों से अधिक गिर गया है, जिससे निवेशकों में चिंता पैदा हुई है कि इस संघर्ष का प्रभाव कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक सप्लाई चेन पर पड़ रहा है।
भारत की 14 कंपनियों का इजराइल में कारोबार
भारत में 14 लिस्टेड कंपनियाँ हैं, जिनका इजराइल में कारोबार है। इनमें से कई कंपनियों के लिए प्रभाव सीमित रह सकता है। एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स के शेयरों में 3-4% की गिरावट आई है। अदानी पोर्ट्स जो इजराइल के हाइफा पोर्ट का मालिक है, इसके शेयर भी 2.5% गिरकर ₹1,429.35 पर पहुँच गए हैं।
यें भारतीय कंपनियां भी इजराइल में है मौजूद
सूर्य फार्मास्युटिकल जो इजराइल की टारो फार्मास्युटिकल में बहुमत हिस्सेदारी रखती है। इसके शेयरों में कोई खास बदलाव नहीं आया। वहीं डॉ. रेड्डीज और लुपिन जैसी कंपनियों पर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है, क्योंकि उनका संबंध तेल अवीव स्थित टेवा फार्मास्युटिकल से है। इसके अलावा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, विप्रो, टेक महिंद्रा और इंफोसिस जैसी आईटी कंपनियाँ, साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और लार्सन एंड टुब्रो भी इजराइल में मौजूद हैं।
कच्चे तेल सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने की चिंता
इस बीच इजराइल के लेबनान में हिज़्बुल्ला के खिलाफ संभावित जमीनी कार्रवाई ने कच्चे तेल की सप्लाई में बाधा उत्पन्न करने की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स ने 1% से अधिक की वृद्धि की है और यह $75 प्रति बैरल के करीब पहुँच गया है। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को स्थिति पर नज़र बनाए रखनी चाहिए। फार्मा और एफएमसीजी जैसी डिफेंसिव कंपनियों में पोर्टफोलियो का आंशिक स्विच करना भी सोचा जा सकता है।
रिपोर्ट- नई दिल्ली बाजार डेस्क