"बिजनेस में और फैक्ट्री व कारोबार में सफलता के लिए धारण करें लाजवर्त रत्न, शनि, राहु और केतु के प्रकोप से बचाता है वहीं दुर्भाग्य को दूर कर के व्यक्ति को दिलाता है सफलता"
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नई दिल्ली (ब्यूरो)। लाजवर्त रत्न धारण करने को लेकर लोगों मे विभिन्न प्रकार की भ्रांतियां बनी रहती हैं। लेकिन आज लाजवर्त रत्न के सभी पहलुओं का विश्लेषण व सटीक आंकलन किया हैं ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा नें। तो आइए विस्तार से जानते हैं लाजवर्त रत्न के सभी पहलुओं को। बिजनेस में और फैक्ट्री व कारोबार में सफलता के लिए लाजवर्त रत्न धारण करें। लाजवर्त रत्न को धारण करने के बाद व्यक्ति पर राहु, शनि और केतु का दुष्प्रभाव खत्म हो जाता है। शनि, राहु और केतु के प्रकोप से बचाता है और दुर्भाग्य को दूर कर के व्यक्ति को सफलता दिलाता है। व्यक्ति पर बुरी नजर, काला जादू , टोने व टोटके का प्रभाव नहीं होता है। लाजवर्त रत्न कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है। लाजवर्त रत्न धारण करने के लाभ यह होता हैं कि लाजवर्त तीनो क्रूर ग्रहो शनि, राहु और केतु के दोषो और दुष्प्रभावो को खत्म करता है। यदि आपको शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो आप लाजवर्त रत्न धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है। यदि किसी व्यक्ति द्वारा घर पर या आप पर कुछ किया कराया हुआ अनुभव होता हो या फिर घर में वास्तुदोष हो तो लाजवर्त रत्न को धारण करने से बहुत ही लाभ मिलता है।
लाजवर्त रत्न काला जादू ख़त्म करता है और बुरी नज़र से बचाव करता है। यदि आपको केतु और राहु की महादशा या अन्तर्दशा चल रही है तो आप लाजवर्त रत्न धारण कर सकते है और लाभ प्राप्त कर सकते है। यह रत्न नौकरी और व्यवसाय में आ रही विभिन्न प्रकार की अड़चनो को दूर करता है साथ ही पितृ दोष को भी खत्म करता है। लाजवर्त रत्न विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभदायक है। लाजवर्त रत्न विद्यार्थी का आत्म विश्वास बढ़ा देता है और विद्यार्थी की शिक्षा में एकाग्रता भी बढ़ जाती है। लाजवर्त को धारण करने के बाद धीरे धीरे आपके व्यवसाय में तरक्की होती है। यदि व्यवसाय काला जादू या टोना टोटका की वजह से मंदा चल रहा है, तो आपको लाजवर्त रत्न धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा। अगर घर में बरकत नही होती है तो बरकत होने लगती है। अगर आपके शत्रु ज़्यादा है या आपका शत्रु आपको परेशान करता है या आप पर जादू टोना करवाता है, तो आपका उसके किए हुए जादू टोना से बचाव करता है और आपके शत्रु को परास्त करता है तथा आपका शत्रु आपके सामने शक्तिहीन हो जाता है।
लाजवर्त रत्न को धारण कर ने से डिप्रेशन व तनाव दूर होता है और सेहत अच्छी रहती है। लाजवर्त रत्न राहु, केतु और शनि द्वारा आ रही विभिन्न बाधाओ को दूर करता है और व्यक्ति को सफलता मिलने लगती है। लाजवर्त रत्न को धारण करने के बाद व्यक्ति का दुर्घटना और एक्सीडेंट से भी बचाव रहता है। यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको लाजवर्त रत्न धारण करने से लाभ अवश्य मिलेगा। इस रत्न को धारण करने को लेकर लोगों के मन में मुख्य रूप से यह सवाल होता है कि लाजवर्त रत्न किस दिन धारण करे व कौन सा उंगली मे धारण करे। इस सवाल के बारे में स्पष्ट रूप से जवाब देतें हुए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा बताते हैं, कि लाजवर्त रत्न शनिवार को चाँदी की अंगूठी में बनवा कर सीधे हाथ की मध्यमा उंगली में धारण करना होता है। ज्योतिष, वास्तु एवं रत्नों से जुड़ें जटिल समस्याओं व उचित परामर्श के लिए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा से 8080426594 व 9545290847 पर सम्पर्क कर समस्याओं से निदान व उचित परामर्श प्राप्त कर सकतें हैं।
रिपोर्ट- नई दिल्ली डेस्क